देवघर। नगर थाना क्षेत्र के हिन्दी विद्यापीठ के एक कर्मी का शव उसके कार्यालय में बुधवार की सुबह लटका हुआ मिला। मृतक का नाम 48 वर्षीय आशुतोष पांडेय उर्फ आशुतोष भारती निवासी गांव रोहिणी, जसीडीह है। वह हिन्दी विद्यापीठ में कंप्यूटर ऑपरेटर सह संगणक प्रभारी के तौर पर कार्यरत थे। वह हिन्दी विद्यापीठ के त्रैमासिक पत्रिका के प्रकाशन, बीएड कॉलेज व तक्षशिला के प्रिंटिंग का भी काम करते थे। कुछ कारणों से ये घटना संदेहास्पद प्रतीत होती है। मृतक के दोनों हाथ उसी रस्सी से बंधा हुए मिले हैं जिससे उसका शव लटका हुआ था। ऐसे में हैरानी की बात ये है कि अगर कोई फांसी लगाएगा तो वह अपना हाथ क्यों व कैसे बांधेगा। वहीं उसने अगर पीछे करके अपने हाथ को बांध लिया तो फिर उसने फांसी कैसे लगाई। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है।
छानबीन के क्रम में पुलिस ने मौके पर से एक सुसाइड नोट बरामद किया है। उस नोट में मृतक ने आर्थिक तंगी का जिक्र किया है। उसने कुछ लोगों का नाम लिखा है जिनसे उसने कर्ज ले रखा है। भैंरा जमुआ गांव निवासी एक व्यक्ति का नाम नोट में दर्ज है। उसने कहा कि उक्त व्यक्ति को उसने एक लाख रुपया कर्ज के तौर पर दिया था, लेकिन उक्त व्यक्ति उसे पैसा वापस नहीं कर रहा था। कई बार कहने के बाद भी उसने पैसा वापस नहीं किया। पैसा वापस नहीं किए जाने के करण वह काफी परेशान था। पुलिस मामले से जुड़े सभी बिंदुओं पर गहन जांच कर रही है। शव को पोस्टमार्टम के लिए देवघर सदर अस्पताल भेज दिया है।