रवि योग में 15 जनवरी को मानेगा मकरसंक्रांति इसके अलावा 4 शुभ तिथियां और हैं जिसमें तिल का दान, भोग और सेवन किया जाता है।
इस बार संक्रांति का वाहन वराह और उप वाहन वृष होगा। ये दोनों वाहन का संक्रांति पर आना शुभ है।l
सूर्य का राशि परिवर्तन का विशेष महत्व है। इस राशि परिवर्तन से मानव जीवन सबसे ज्यादा प्रभावित होता है। ऋषिकेश पञ्चाङ्ग के अनुसार इस साल सूर्य 14 जनवरी 2023 को मकर राशि मे गोचर रात्रि 03 :02 करेंगे वही कुछ पंचांगों में इसका समय रात्रि 8:30 बजे बताया गया है। मकर संक्रांति का पुण्यकाल और स्नान दान का शुभ मुहूर्त सूर्योदय से सूर्यास्त तक शुभ और मंगलकारी रहेगा। सूर्य का मकर राशि के गोचर सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक है। सूर्य को यश, गौरव, पराक्रम और आत्मा का कारक माना गया है। इस दिन सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण होते है। इससे इस दिन को देवी- देवताओं का दिन माना गया है। इस दिन सूर्य अपने पुत्र शनिदेव से नाराजगी भूलाकर उनके घर गए थे। इस दिन से मलमास खत्म होने के साथ शुभ कार्य प्रारंभ हो जाता है। इसीलिए इस दिन पूजा, जप, तप, दान, स्नान का विशेष महत्व माना गया है। मजार संक्रांति की शुरुआत सूर्य के राशि परिवर्तन एवं मकर राशि मे प्रवेश से होता है।
इस बार मकर संक्रांति 14 जनवरी को रात्रि में शुरू होगी एवं पूण्य काल 15 जनवरी को दोपहर 02:11 मिनट तक मनाया जाएगा। 15 को दिवालग्न होने से संक्रान्तरि दिन भर मनाया जाएगा।
इस काल मे पूजा , दान, तप का विशेष फल होगा। प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य आचार्य प्रणव मिश्रा ने बताया कि सूर्य के इस राशि परिवर्तन से दिन की लंबाई बढ़ती है और रात की लंबाई छोटी होने लगती है। मकर संक्रांति से ही बसंत ऋतु की शुरुआत मानी जाती है। मकर संक्रांति के पावन पर्व पर गुड़ और तिल लगाकर नर्मदा, गंगा या किसी पवित्र नदी में स्नान करना लाभदायी होता है। मकर संक्रांति के पावन पर्व पर तीर्थ स्थल के नदियों पर स्नान का पूण्य फल प्राप्त होता है। इस दान संक्रांति में गुड़, तेल, कंबल, फल, छाता आदि दान करने से लाभ मिलता है और पूण्य फल की प्राप्ति होती है। इस दिन किया जाने वाला दान अन्य दिनों में किया जाने वाला दान की अपेक्षा कई गुना अधिक फलदायी होता है। इस दिन किसान भगवान से अपनी अच्छी फसलों के लिए आशीर्वाद भी मांगते है। इस दिन खिचड़ी खाने और पतंग उडाने की परंपरा है जिसमें घर के सभी सदस्य आनंद लेते हैं। पश्चिम बंगाल के गंगासागर स्थान पर इस मकरसंक्रांति को बहुत बड़ा मेला लगता है। जिसमें लाखों की संख्या में श्रद्धालु इकठ्ठा होकर गंगा स्नान का लुप्त उठाते है।
4 शुभ तिथियां जिसमे तिल और गुड़ का भोग लगाया जाता है:
10 जनवरी :- गणेश चतुर्थी (संकष्ठी तिल) इस दिन भगवान गणेश की पूजा की जाती है और तिल के लड्डुओं का भोग लगाया जाता है। भोग के रूप में पीसी हुई तिल का पहाड़ गणेश जी के समीप बना कर उस पर दुर्वा अर्पित करते है। आज चंद्र दर्शन अर्घ का बहुत महत्व होता है।
18 जनवरी :- षट तिला एकादशी इस दिन भगवान विष्णु की पूजा और व्रत किया जाता है। इसमें उन्हें तिल और गुड़ से बने प्रसाद का भोग लगाया जाता है। इस व्रत को करने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है।
19 जनवरी :– आज तिल द्वादशी के रूप में मनाया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु और भोलेनाथ दोनों की आराधना साथ होती है। इस तिथि को किए जाने वाले हवन में तिल और जौ से आहुतियां दी जाती है। इससे आत्मशुद्धि होती है।
25 जनवरी:– तिलकुंद विनायक चतुर्दशी इस चतुर्दशी को तिकुटिया गणेश चतुर्थी भी कहा जाता है। इस दिन भगवान गणेश को कुटी हुई तिल का भोग लगाया जाता है।
मकरसंक्रांति मनाने का वैज्ञानिक आधार:-
तिल में भारी मात्रा में पोशाक तत्व होता है। इसमें मौजुद कॉपर आर्थराइटिस की समस्या की दूर करता है। वही मौजूद मैग्नीशियम हृदय को मजबूत करता है। तिल में मौजूद केल्सियम हड्डी और माइग्रेन संबंधित समस्याओं को दूर करता है। साथ ही इसकी तासीर गर्म होता है जो शर्दी के लिए औसाधि का कार्य करता है।
मकरसंक्रांति स्नान और दान का पर्व है। आज दान करने से अनन्त गुणा लाभ मिलता है। हर ब्यक्ति को अपने राशि के अनुसार दान करना चाहिए।
राशि अनुसार करें दान :- मकर संक्रांति के इस पूण्य काल में राशिनुसार दान करने से पूण्य फल की प्राप्ति होती है-
मेष :- संक्रांति के दिन तांबे के पात्र में लाल मसूर की दाल दान करने से विशेष फल की प्राप्ति होगी जिससे आप अपने जीवन के सभी फैसले बुद्धिमता से लेंगे। साथ ही सफेद टिल और चावल का दान करना चाहिए।
वृषभ :- मकरसंक्रांति के दिन चांदी से बनी हुई वास्तु या सफ़ेद वस्त्रों का दान करें इससे ऐश्वर्य में वृद्धि होती रहेगी। आज सफेद तिल और गुड़ का दान धन और प्रतिष्ठा देता है।
मिथुन :- इस राशि के जातको को हरी सब्जियों के साथ पीले वस्त्र और काला तिल और चावल (चुरा) का दान करें। इससे आपके वैवाहिक जीवन आ रही सभी समस्याएं समाप्त होगी।
कर्क :- राशि के जातक को मकर संक्रांति के दिन चांदी की वास्तु सफेद ऊन या मोती अवश्य दान करना चाहिए इससे मानसिक कष्टों में कमीं आएगी। सफेद तिल का बना सामग्री के साथ तिलकुट भी दान करना चाहिए
सिंह :- मकर संक्रांति के दिन सिंह राशि के जातकों को गुड़ के साथ- साथ गेहूं का दान करना शुभ शुभ फालदायी है इससे इनके मान- सम्मान में वृद्धि होगी। आज तिल, चुरा और गुड़ का दान करे।
कन्या :- इस दिन कन्या राशि के जातक को हरी सब्जी या हरे मूंग की दाल की खिचड़ी और तिलकुट चुरा का दान करना चाहिए। जिससे व्यापार में चल रही परेशानियों से मुक्ति मिलेग और व्यापार में वृद्धि होगी।
तुला :- इस राशि के जातक
मकर संक्रांति के दिन सात प्रकार के अनाज का दान करने से स्वास्थय ठीक रहेगा और कभी भी गंभीर बीमारी नहीं लगेगी।
वृश्चिक :- राशि के व्यक्ति को लाल रंग के अनाज और लाल कपड़ो के साथ गुड़ और चुरा का दान करना चाहिए। इससे आप में सोचने - समझने की शक्ति भी बढ़ेगी।
धनु :- इस राशि के जातक मकर संक्रांति के दिन सोने की वस्तु, पीला अनाज या पिले वस्त्र का दान और तिलकुट चुरा और गुड़ का दान अवश्य करें। इससे आप से सूर्यदेव प्रसन्न रहेंगे और उनकी कृपा बानी रहेगी।
मकर :- इस राशि के जातक को मकर संक्रांति के दिन काले रंग के कंबल का दान करन चाहिए जिससे परिवार और पिता के साथ आप के सम्बन्ध प्रेमपूर्वक रहेगा।। कुंभ :- कुंभ राशि के जातक को इस दिन घी और तिल से बानी मिठाई का दान करने से इनके जीवन की सभी समस्याएं समाप्त हो जाएंगी।
मीन :- राशि के जातक को मकर संक्रांति के दिन चने की दाल के साथ गुड़ का दान करना उत्तम फलदायी रहेगा। जिससे सूर्य देव के साथ देवगुरु बृहस्पति की कृपा मिलेगी।
प्रसिद्ध ज्योतिष
आचार्य प्रणव मिश्रा
आचार्यकुलम, अरगोड़ा राँची
8210075887