रांची: झारखंड लोक सेवा आयोग की ओर से सातवीं से लेकर दसवीं सिविल सेवा मुख्य परीक्षा का परिणाम शनिवार को जारी कर दिया गया है. इसमें कुल 802 अभ्यर्थी सफल घोषित किए गए हैं लेकिन, इस मुख्य परीक्षा के रिजल्ट पर भी कई अभ्यर्थी सवाल खड़े कर रहे हैं. दरअसल, कुल 252 पदों पर नियुक्ति के लिए 7वीं से 10वीं सिविल सेवा परीक्षा यानी 4 सालों, 2017-2018 -2019 और 2020 के लिए परीक्षा एक साथ हो रही है.
प्रारंभिक परीक्षा के संशोधित परिणाम में उत्तीर्ण घोषित अभ्यर्थियों में आवेदन भरने वाले 4749 अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा के लिए प्रवेश पत्र जारी किए गए थे. हालांकि, इनमें लगभग 4000 अभ्यर्थी सभी पत्रों की परीक्षा में शामिल हो सके थे. मुख्य परीक्षा में शामिल होने के बाद अंतिम रूप से 802 अभ्यर्थियों का चयन साक्षात्कार और कागजात जांच के लिए किया गया है. झारखंड लोक सेवा आयोग की ओर से 9 मई से 16 मई तक आयोग कार्यालय में इंटरव्यू आयोजित की जायेगा. रांची के 11 केंद्रों पर 11 से 13 मार्च तक जेपीएससी मुख्य परीक्षा आयोजित की गई थी. आयोग ने परीक्षा के एक माह 17 दिनों के अंदर इसका परिणाम जारी कर दिया है.
252 पदों के लिए ली जा रही इस परीक्षा को लेकर शुरू से ही विवाद खड़ा हुआ था. आरक्षण रोस्टर क्लीय, समेत कई विषयों को लेकर आंदोलनकारी अभ्यर्थी इस पूरी परीक्षा को ही रद्द करने की मांग कर रहे थे. मामला हाई कोर्ट तक पहुंचा और हाई कोर्ट के निर्देश के बाद जेपीएससी की ओर से मुख्य परीक्षा का आयोजन 11 से 13 मार्च के बीच किया गया था और शनिवार को इसी मुख्य परीक्षा का रिजल्ट जारी किया गया है. मुख्य परीक्षा का रिजल्ट जारी होने के बाद परीक्षा फल को लेकर सवाल खड़े होने शुरू हो गए हैं. कई अभ्यर्थियों ने कहा है कि जिस तरह छठी जेपीएससी परीक्षा से कई सालों बाद नियुक्त किए गए अधिकारियों का हाल हुआ है. ठीक उसी तरह से 7वीं से लेकर 10वीं परीक्षा से चयनित पदाधिकारियों का हाल आने वाले समय में होगा.