Joharlive Team
रांची। अकेले दम पर पहाड़ काटकर रास्ता बनाने वाले बिहार के दशरथ मांझी अपने कारनामे के लिए पूरी दुनिया में जाने जाते हैं। अब वैसा ही कारनामा झारखंड के दो लोगों ने कर दिखाया है। उन्होंने चकाई प्रखंड की दुर्गम मड़वा पहाड़ी को काटकर चार किलोमीटर का रास्ता बना दिया। इसके बाद मड़वा पहाड़ी से जमुई जिला मुख्यालय की दूरी महज 55 किलोमीटर रह गई, जो पहले 115 किमी थी। अब इन दोनों लोगों ने सरकार से पक्का रास्ता बनवाने की मांग की है।
जानकारी के मुताबिक, झारखंड के भेलवाघाटी गांव में रहने वाले लोगों को जमुई जाने के लिए भेलवाघाटी से चकाई होते हुए जाना पड़ता था। इसके लिए उन्हें 115 किलोमीटर का सफर करना पड़ता था, जिसमें करीब 3-4 घंटे लग जाते थे। ऐसे में भेलवाघाटी में रहने वाले डोमन मियां और इस्लाम मियां ने अपने गांव समेत आसपास के 70 गांवों के लोगों के लिए पहाड़ काटने की तैयारी कर ली।
इस्लाम मियां और डोमन मियां बताते हैं कि उन्होंने गया के दशरथ मांझी का किस्सा सुना था। उन्हें पता चला था कि दशरथ मांझी ने किस तरह अकेले दम पर वर्षों की मेहनत से पहाड़ को काटकर रास्ता बना दिया था। इन दोनों ने दशरथ मांझी से प्रेरणा ली और स्थानीय लोगों की परेशानी दूर करने का फैसला ले लिया। उन्होंने जंगल में पशु चराने के दौरान मड़वा पहाड़ी को काटकर रास्ता बनाना शुरू कर दिया।
जानकारी के मुताबिक, इस्लाम और डोमन मियां ने साल 2017 में पहाड़ी को काटने की शुरुआत की। इसके बाद स्थानीय ग्रामीण भी उनकी मदद करने में जुट गए, जिसके चलते महज तीन साल में ही पहाड़ी को काटकर मड़वा पहाड़ी से सोनो के रजोन तक चार किलोमीटर का रास्ता बना लिया गया।
अब डोमन और इस्लाम मियां ने सरकार से मांग की है कि इस सड़क को पक्का कर दिया जाए, जिससे इस रास्ते पर छोटे-बड़े वाहनों का आना-जाना शुरू हो सके और लोगों की दिक्कतें कम हो जाएं। उनका कहना है कि इस सड़क से जमुई, खैरा, सोनो के लोग भी आसानी से गिरिडीह और कोडरमा आदि शहर आ-जा सकते हैं।