दरभंगा: बिहार के दरभंगा जिले के बड़गांव थाना क्षेत्र में एक नाबालिग लड़की के साथ हुई सामूहिक दुष्कर्म की घटना ने एक नया मोड़ ले लिया है.  3 अगस्त को हुई इस घटना के बाद पंचायत ने मामले को रफा दफा करने की कोशिश की और इसकी कीमत 2000 रुपये लगाई.  पीड़िता के परिवार ने इस फैसले को मानने से इनकार कर दिया है.  परिजन पुलिस पर लापरवाही के आरोप लगा रहे हैं.  परिजनों का कहना है कि पीड़िता का मेडिकल टेस्ट कराने में चार दिन लग गए.

लड़की की इज्जत की कीमत 2000

दरअसल, घटना 3 अगस्त की शाम की है जब पीड़िता अपने घर के पास घास काट रही थी. इसी दौरान मोहम्मद नदीम नाम का युवक अपने तीन साथियों के साथ वहां पहुंचा और उसे घसीटकर पास के एक बगीचे में ले गया. आरोपियों ने उसे नशीला पदार्थ पिलाकर उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया और बेहोशी की हालत में सड़क किनारे छोड़कर फरार हो गए. ग्रामीणों ने पीड़िता को सड़क किनारे बेहोशी की हालत में देखा और उसे घर पहुंचाया. होश में आने पर पीड़िता ने आपबीती अपने परिजनों को बताई. बताया जा रहा है कि अगले दिन 4 अगस्त को गांव में पंचायत बुलाई गई. पंचायत ने मामले को रफा दफा करने की कोशिश की और लड़की की इज्जत की कीमत 2000 रुपये लगाई.

घटना के 4 दिन बाद हुई FIR

पीड़िता के परिवार वाले पंचायत के इस फैसले से संतुष्ट न होकर उन्होंने 7 अगस्त को बड़गांव थाने में मोहम्मद नदीम और उसके तीन साथियों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई. पीड़िता के चचेरे भाई ने बताया कि पंचायत ने कहा कि लड़का इस घटना में दोषी नहीं है.  अगर आप लोग उसे दोषी मानते हैं तो दंड स्वरूप पैसा लेकर मामले को रफा दफा कर दीजिए. लेकिन हमारा परिवार इस पंचायत को नहीं माना और 7 अगस्त को मोहम्मद नदीम सहित चार लोगों के खिलाफ पुलिस में शिकायत की है.

पुलिस पर लापरवाही के आरोप

पुलिस पर लापरवाही के गंभीर आरोप लगे हैं. घटना के चार दिन बाद 7 अगस्त को प्राथमिकी दर्ज की गई. इसके बाद 9 अगस्त को पीड़िता को मेडिकल जांच के लिए डीएमसीएच भेजा गया, जहां उसका मेडिकल टेस्ट कराने में चार दिन लग गए. 12 अगस्त को पीड़िता का कोर्ट में 164 का बयान दर्ज कराया गया.

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