रांची । साइबर अपराधी अब बच्चाें की ऑनलाइन क्लास के दाैरान लिंक भेजकर परिजनाें के बैंक के खाते से पैसे उड़ा रहे हैं। साइबर अपराधी ऑनलाइन क्लास के दौरान फ्री गेम खेलने का ऑप्शन भेजते हैं। बच्चे इसके झांसे में आ जाते हैं और गेम खेलने का प्रयास करते हैं। तभी बच्चे से गेम कोड के नाम पर ओटीपी मांगा जाता है। इसके बाद उनके माता-पिता के खाते से पैसे उड़ा लेते हैं। ऐसा ही मामला लालपुर थाना में दर्ज हुआ है। साइबर अपराधियों ने 1.27 लाख रुपए की ठगी ऑनलाइन गेम खेलने के दौरान कर ली है। ठगी के शिकार रामविनय राम ने लालपुर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है।
दर्ज प्राथमिकी के अनुसार, उनका नौ साल का बच्चा ऑनलाइन क्लास कर रहा था। इसी दौरान फ्री फायर गेम खेलने का ऑप्शन बीच में आ गया। बच्चा गेम में अचानक जुड़ गया और रामविनय राम की पत्नी शिव कुमारी के बैंक खाता जो इंडियन बैंक में है, उससे 1.27 लाख रुपए साइबर अपराधियों ने निकाल लिए। सभी पैसे साइबर अपराधियों ने गूगल पे नंबर से फर्जी तरीके से अलग-अलग यूपीआई से निकाले।
दर्ज प्राथमिकी के अनुसार, साइबर अपराधी बच्चों को ऑनलाइन क्लास के दौरान उन्हें गेम खेलने का आप्शन भेज रहे हैं। फिर उनके मोबाइल नंबर को लेकर गेम कोड जानने के नाम पर भेजे गए ओटीपी को मांगते हैं। इस मामले में भी ऐसा ही हुआ। बच्चे साइबर अपराधियों के इन फर्जीवाड़े से अंजान होते हैं। वे गेम कोड के नाम पर उनके द्वारा भेजी गई ओटीपी साइबर अपराधियों को बता देते हैं। इसी का फायदा साइबर अपराधी उठाते हुए माता-पिता का पूरा अकाउंट साफ कर दे रहे हैं। जबतक इसकी जानकारी अभिभावकों को मिलती है, तब तक सारे पैसे निकल चुके होते हैं।
ऑनलाइन ठगी के ये नए ट्रेंड
- 1. सिम का केवाईसी अपडेट के नाम से साइबर अपराधी मैसेज कर रहे हैं और ओटीपी मांग रहे हैं।
- 2. ऑनलाइन जॉब के लिए रजिस्ट्रेशन व बैंक अकाउंट खोलने के नाम पर ठगी हो रही है।
- 3. बड़ी-बड़ी कंपनियों की फ्रेंचाइजी देने के नाम पर ऑनलाइन फर्जी विज्ञापन है।
- 4. गूगल सर्च इंजन पर बड़ी-बड़ी कंपनियों के कस्टमर केयर का फर्जी नंबर डालकर ग्राहकों से ठगी कर रहे हैं।
साइबर एक्सपर्ट बोले- नेट बैंकिंग वाले नंबर पर ऑनलाइन क्लास न कराएं
साइबर एक्सपर्ट ने कहा कि अपना मोबाइल अभिभावक अपनी निगरानी में बच्चों को उपयोग करने दें। जिस नंबर का इस्तेमाल ऑनलाइन पेमेंट या नेट बैंकिंग के लिए करते हैं, उस नंबर का इस्तेमाल ऑनलाइन क्लास वाले मोबाइल में नहीं करें। इस तरह की सावधानी से ही ऑनलाइन ठगी से बचा जा सकता है।