रांची: बूटी मोड़ के रहने वाले डॉक्टर निशांत प्रियदर्शी की पत्नी सुषमा सिंह के खाते से इसी वर्ष 4 फरवरी को 2.10 लाख की ठगी कर ली थी. दरअसल, पीड़िता सुषमा सिंह ने कुरियर के माध्यम से एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण मंगवाया था, उपकरण सही समय पर जब नहीं पहुंचा तब सुषमा सिंह ने गूगल सर्च इंजन से कुरियर कंपनी का नंबर खोज कर उस पर कॉल किया. लेकिन गूगल सर्च इंजन पर साइबर अपराधियों ने कुरियर कंपनी के नाम पर फर्जी नंबर डाल रखा था.

भ्रम में पड़कर सुषमा ने साइबर अपराधियों के नंबर पर ही कॉल कर दिया, जिसके बाद साइबर अपराधियों ने फर्जी लिंक भेज कर उस के माध्यम से खाते को हैक कर लिया और पैसे गयाब कर दिए. मामले को लेकर पति के द्वारा रांची सदर थाना में प्राथमिकी दर्ज करवाई गई थी. जिसके बाद पूरे मामले का अनुसंधान सीआईडी के साइबर शाखा के द्वारा की जा रही थी. मामले की तफ्तीश में जुटी सीआईडी की साइबर टीम को जानकारी मिली की जामताड़ा जेल में हत्या के मामले में बंद एक अपराधी के खाते में पैसे ट्रांसफर किए गए हैं. तफ्तीश के दौरान यह जानकारी हासिल हुई कि जो व्यक्ति हत्या के मामले में जेल में बंद है, वो जामताड़ा के करमाटांड़ के रहने वाले संजीत यादव का भाई है. जिसके बाद संजीत यादव को सीआईडी की टीम ने धर दबोचा. पूछताछ के दौरान उसने अपना अपराध कबूल कर लिया.

झारखंड के जामताड़ा के करमाटांड़ इलाका साइबर अपराधियों के लिए पूरे देश भर में विख्यात रहा है. गिरफ्तार संजीत यादव भी करमाटांड़ का ही रहने वाला है. पूरे मामले में सबसे हैरान कर देने वाला खुलासा यह हुआ है कि संजीत यादव एक अनपढ़ व्यक्ति है, वह कभी भी स्कूल नहीं गया है, इसके बावजूद वह करमाटांड़ में रहकर साइबर अपराध को अंजाम देने में निपुण हो गया था. सीआईडी एसपी एस कार्तिक ने बताया कि संजीत यादव का पूरा परिवार ही साइबर ठगी का काम करता है. पूरा परिवार मिलकर लाखों की ठगी पहले भी कर चुका है. खातों के डिटेल के जरिए ठगी के कई मामलों की जानकारी सीआईडी को हासिल हुई है. सीआईडी की टीम इस मामले में फरार चल रहे साइबर अपराधियों की गिरफ्तारी का भी प्रयास कर रही है.

Share.
Exit mobile version