देश में हर दस मिनट में एक साइबर अपराध
ब्राम्बे। केंद्रीय विश्वविद्यालय, झारखंड में साइबर सुरक्षा पर आधारित कार्यशाला में साइबर विशेषज्ञों ने बताया कि देश में हर दस मिनट में एक साइबर अपराध हो रहा है। जिसके सर्वाधिक शिकार युवा और महिलाएं हो रही हैं।

इस कार्यशाला का उद्घाटन कुलपति प्रो नंद कुमार यादव इंदु, झारखंड पुलिस के एडीजी ;सीआईडीद्ध अनुराग गुप्ता, कम्युटर सोसाइटी आॅफ इंडिया के अध्यक्ष एके नायक और साइबर विशेषज्ञ और इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन आॅफ इंडिया के कंसल्टेंट रक्षित टंडन, नेचुरल साइंस के डीन प्रो एस मेधेकर और डिपार्टमेंट आॅफ कम्प्युटर साइंस एंड टेक्नोलाॅजी के हेड डाॅ सुभाष चंद्र यादव ने किया।

इस अवसर पर कुलपति प्रो इंदु ने बताया कि आज के युवा जाने अनजाने साइबर अपराध के शिकार हो रहे हैं। इसका मुख्य कारण साइबर सुरक्षा को लेकर उनमें जागरूकता का अभाव है। उन्होंने युवाओं को इस दिशा में सचेत रहने का सुझाव दिया।

झारखंड पुलिस के एडीजी ;सीआईडीद्ध अनुराग गुप्ता ने साइबर अपराध से जुडे कई उदाहरणों का हवाला देते हुए युवाओं को इससे जुडे कानून को लेकर जागरूक होने की सलाह दी।
कम्युटर सोसाइटी आॅफ इंडिया के अध्यक्ष एके नायक ने कंप्यूटर तकनीक के इतिहास का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि यह सूचना एवं प्रौद्योगिकी का दौर है, जिसकी अपनी चुनौतियां हैं, लेकिन इसे हमें अवसर में बदलना होगा। उन्होंने युवाओं से अपील की वे साइबर से जुडे सभी पहलुओं का ध्यान रखकर अपना भविष्य संवार सकते हैं। इस कार्यशाला में देश भर से आए प्रतिभागियों, शिक्षकों, विद्यार्थियों और कर्मचारियांे ने भाग लिया।

साइबर स्पेस की सुरक्षा सबसे बडी चुनौती, युवा हो रहे शिकार : रक्षित टंडन


इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन आॅफ इंडिया के कंसल्टेंट और साइबर विशेषज्ञ रक्षित टंडन ने बताया कि सूचना एवं तकनीक के दौर में साइबर स्पेस की सुरक्षा सबसे बडी चुनौती बन गई है। इससे जुडे विभिन्न तकनीकों को लेकर लोगों में जागरूकता का घोर अभाव है। इस कारण वे साइबर अपराध के शिकार हो रहे हैं, इसलिए साइबर सुरक्षा को लेकर बेहद सतर्क रहने की जरूरत है। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे जाने अनजाने साइबर अपराध के शिकार होने से बचें।

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