Joharlive Desk
पटना। बिहार में विधानसभा चुनाव की आहट के बाद राज्य की सभी पार्टियां चुनावी मोड में आ गई हैं। मतदाताओं को साधने के लिए आतुर सभी पार्टियां युवाओं को साधने में जुट गई हैं। लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के लिए युवाओं को साधने की एक बड़ी चुनौती होगी। केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने अपनी पार्टी लोजपा की कमान अपने पुत्र और जमई से सांसद चिराग पासवान को देकर यह साफ संदेश दे दिया है कि लोजपा अब युवाओं को साथ लेकर चुनावी मैदान में उतरेगी।
इधर, चिराग ने भी ट्वीटर पर अपने नाम के आगे युवा बिहारी जोड़कर युवाओं को साधने की कोशिस की है। हालांकि चिराग के लिए यह राह आसान नहीं दिखती है। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की कमान जहां लालू प्रसाद की अनुपस्थिति में तेजस्वी यादव जैसे युवा की हाथ में है, वहीं वामपंथी नेता कन्हैया कुमार भी बिहार की यात्रा कर इस चुनाव को लेकर अपने मंसूबे पहले ही साफ कर चुके हैं।
लोजपा के नेता हालांकि कहते हैं कि बिहार के युवा उनके साथ है। लोजपा के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष अशरफ अंसारी कहते हैं कि लोजपा किसी को जोड़ने का काम नहीं करती, लोग इनके कामों को देखकर खुद ही जुड़ जाते हैं। चिराग ने युवा आयोग गठन की मांग उठाई है। उन्होंने युवाओं की बातों को सड़क से लेकर सदन तक उठाया है। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि आज बिहार के युवा उनके साथ खड़े हैं।
इधर, जमुई के एक मतदाता कहते हैं कि चिराग भले ही सांसद हों, लेकिन जमीनी हकीकत से वे आज भी दूर हैं। वे आज भी फिल्मी दुनिया के अभिनेता हैं। मतदाता ने स्पष्ट शब्दों में कहा, बिहार के लोगों को एक ऐसे युवा नेता की दरकार है, जो सड़कों पर उतरकर यहां बेरोजगारी, पलायन को लेकर संघर्ष करे, न कि दिल्ली में बैठकर राजनीति करें।
राजनीतिक समीक्षक सुरेंद्र किशोर ने कहा कि लोजपा का चिराग पासवान को नेतृत्व अवश्य मिल गया हो, लेकिन बिहार की सियासत जातिवाद की रही है। उन्होंने कहा कि पासवान जाति के युवा भले ही चिराग के साथ जुड़ सकते है, लेकिन अन्य युवा के अलग-अलग नेता है। वे कहते हैं कि यहां के युवाओं का झुकाव भी जातिवाद की राजनीति की ओर ही है। उन्होंने कहा, जातीय और सांप्रदायिक आधार पर समाज और पार्टियां बंटी हुई है, उसी में युवा अपनी-अपनी सुविधा के अनुसार अपनी जगह खोज रहा है। उसी के साथ युवा रहेगा। अलग से युवा का कोई नेता हो जाए, यह संभावना दूर-दूर तक नजर नहीं आती।
राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी का भी कहना कि बिहार में युवा चेहरे के रूप में एकमात्र तेजस्वी यादव ही नजर आ रहे हैं। तेजस्वी आम बिहारी के साथ मिलते है। उनका पहनावा और रहन-सहन भी बिहार से जुड़ता है। इधर, युवक कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ललन कुमार का मानना है कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व भी युवा है और बिहार में भी दूसरी पंक्ति के कई नेता युवाओं को साथ लेकर आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस प्रारंभ से ही युवाओं के साथ रही है। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि बिहार कांग्रेस में अति पिछड़ा वर्ग हो या सामान्य वर्ग हो, सभी क्षेत्र में युवाओं की एक टीम तैयार है।