JoharLive Team

  • 12 करोड़ के घोटाले की सीबीआई कर रही है जांच, कई और बड़े अधिकारियों तक पहुंच सकती जांच की आंच

गिरिडीह । फर्जी खाते के जरिये विगत तीन सालों में गिरिडीह के प्रधान डाकघर में हुए 12 करोड़ रुपये के घोटाले के मामले में मुख्य डाकपाल सहित तीन को तत्काल प्रभाव से निलंबन कर कई सरकारी सुविधाएं वापस ले ली गयी हैं। सीबीआई जांच की सिफारिश और शुरुआती जांच रिपोर्ट के बाद झारखंड डाक परिमंडल ने प्रधान डाकघर के तीन बड़े कर्मियों पर यह कार्रवाई की है। इसमें प्रधान डाकपाल सोमनाथ मित्रा भी शामिल हैं। इसकी खास बात यह है कि जिस प्रधान डाकपाल को घोटाले के आरोप में निलंबित किया गया है। उसी आरोपित डाकपाल ने छह माह पहले नगर और मुफ्फसिल थाना में घोटाले का केस दर्ज कराया था।

इसकी पुष्टि करते हुए सहायक डाक अधीक्षक जगदीश सिंह ने शनिवार को बताया कि जिन पदाधिकारियों और कर्मियों को निलंबित किया गया है उसमें प्रधान डाकघर के प्रधान डाकपाल सोमनाथ मित्रा के अलावा डाकघर के खंजाची पवन सिंह और डाक सहायक फैयाज अंसारी शामिल हैं जबकि दो कर्मी पहले से ही इस आरोप में निलंबित किए जा चुके हैं। इसमें मो. अल्ताफ और वासुदेव दास शामिल हैं। अब तीन और पदाधिकारी और कर्मियों पर गिरी गाज ने यह साबित कर दिया है कि 12 करोड़ की धनराशि के गबन में अब तक जितने छोटे ओहदेदारों के नाम सामने आएं हैं। इसमें सिर्फ वही नहीं हैं बल्कि कई बड़े पदाधिकारी भी शामिल हैं।

डाक विभाग के सूत्रों की मानें तो परिमंडल के निदेशक ने बीते 28 जनवरी को तीनों को निलंबित किया था। परिमंडल निदेशक ने तीनों पर कार्रवाई करने के साथ ही तीनों के जीवन यापन भत्ता सहित डाक विभाग से मिली सारी सुविधाएं भी वापस ले ली हैं। वैसे यह पहले से तय माना जा रहा था कि गिरिडीह के प्रधान डाकघर में इतने बड़े पैमाने पर हुए घोटाले की पटकथा लिखने में सिर्फ छोटे बाबुओं का हाथ नहीं है बल्कि कई बड़े ओहदेदारों की भूमिका से इंनकार नहीं किया जा सकता है।

हालांकि भ्रष्टाचार के इस बड़े कारनामे के खिलाफ केस दर्ज किया गया तो उस वक्त से ही झारखंड परिमंडल मान कर चल रहा था कि इतने बड़े घोटाले की पटकथा लिखने वाले बाबुओं को सामने लाने में संभवत पुलिस नाकाम रह सकती है। लिहाजा, परिमंडल निदेशक ने 12 करोड़ के घोटाले की सीबीआई जांच की सिफारिश कर दी थी। सिफारिश होने के तुंरत बाद सीबीआई भी केस दर्ज कर जांच में जुट गई और शुरुआती जांच में प्रधान डाकपाल के साथ खंजाची और डाक सहायक की भूमिका को संदिग्ध मानते हुए पहली रिपोर्ट परिमंडल को सौंपा। इसके बाद तीनों को निलंबित किया गया।

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