Joharlive Team
रांची। एक तरफ झारखंड में आधी आबादी को हक दिलाने की हर मुमकिन कोशिश हो रही है। वहीं, दूसरी तरफ राज्य के कई जिलों में इनकी इज्जत तार-तार करने की घटनाएं मन को झकझोर रही हैं। गढ़वा और बोकारो में जहां एक युवती और दूसरी नाबालिग के साथ दरिंदगी की घटना घटी तो वही रामगढ़ जिले के रामपुर गांव से मानव तस्करी का बड़ा मामला सामने आया है।
झारखंड के गढ़वा जिले के बिशुनपुर थाना क्षेत्र में एक नाबालिग के साथ दुष्कर्म की घटना विचलित कर देगी। मामले पर शिकायत करते हुए नाबालिग ने बताया कि शनिवार 5 सितंबर की शाम वह खेत में घास लाने गई थी तभी उस दौरान रितेश सिंह अपने दोस्त सहयोगी के साथ उसे पकड़ कर जंगल में ले गया और फिर उसकी इज्जत तार-तार कर दी गई।
हालांकि, मामले में दो नाबालिग सहयोगियों को हिरासत में लेकर न्यायालय भेज दिया गया है। वहीं, मुख्य आरोपी अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है, जिसकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी चल रही है। वहीं, दूसरा मामला बोकारो जिले का है। जब 2 सितंबर को एक युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म की बात सामने आई बावजूद इसके युवती न्याय की आस लिए लगातार थाने का चक्कर काटने को मजबूर है।
यह विडंबना ही है कि देर रात तक घटना के बाद युवती लोगों से सड़क पर मदद की गुहार लगाती रही। लेकिन कोई मदद के लिए नहीं आया। दरअसल बोकारो के हरला थाना क्षेत्र के सेक्टर 8 में झोपड़ी की रहने वाली युवती जब 2 सितंबर को काम कर शाम होने के बाद अपने घर वापस लौट रही थी तभी दो बाइक पर सवार चार युवकों ने युवती को पकड़ लिया और सुनसान इलाके में जाकर अपनी हवस बुझा ली और फिर इस युवती को वहीं छोड़ सभी फरार हो गए।
मामले पर बोकारो के एसपी ने जानकारी दी है कि घटना को लेकर तहकीकात चल रही है और जांच के बाद ही पूरे मामले की सच्चाई सामने आ पाएगी। इधर, दो दुष्कर्म की घटना के बाद तीसरा मामला जिला मुख्यालय से तकरीबन 50 किलोमीटर दूर रामगढ़ जिले के ओरांबो गांव में मानव तस्करी की कोशिश से जुड़ा है।
यहां 54 युवक-युवतियों को गोवा ले जाने की कोशिश का खुलासा हुआ है। गौरतलब है कि रांची के अगड़ा, सिल्ली और गोला के बरलंगा से 34 महिला और 18 पुरुष को रखा गया था. यहां से सभी को गोवा काम करने के लिए ले जाया जा रहा था पर, स्थानीय ग्रामीणों को मानव तस्करी (का शक हुआ और फिर जानकारी पुलिस को दी गई, जिसके बाद त्वरित कार्रवाई करते हुए सभी 54 लोगों को देर रात थाने लाकर पूछताछ की गई।
बहरहाल, झारखंड के विभिन्न जिलों में हो रही ऐसी घटनाएं यकीनन मन को विचलित कर रही हैं तो वहीं, दूसरी तरफ यह झारखंड पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती है। क्योंकि ऐसी घटनाएं यकीनन पुलिस को कटघरे पर खड़ी करती हैं। अब देखना होगा कि तमाम मामलों पर दोषियों को सजा कब तक मिलती है।