रांची। बिरसा कृषि विश्वविद्यालय (BAU) के अधीन संचालित सभी महाविद्यालयों में राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) क्रेडिट प्रणाली लागू की जाएगी। इसका प्रस्ताव बीएयू की आगामी एकेडेमिक कौंसिल की बैठक में अनुमोदन के लिए रखा जायेगा। यह निर्णय कुलपति डॉ ओंकार नाथ सिंह की अध्यक्षता में आयोजित बीएयू एनएसएस एडवाइजरी कमेटी की बैठक में लिया गया। इसे राष्ट्रीय सेवा योजना के निर्देश पर विद्यार्थियों में एनएसएस के प्रति रुझान और सामाजिक सेवा की गतिविधियों से लगाव बढ़ाने के लिए किया गया है।
इस क्रेडिट प्रणाली के तहत हर वर्ष एनएसएस से जुड़ने वाले स्वयंसेवकों (विद्यार्थियों) को एक वर्ष में 120 घंटे और एक सेमेस्टर (यानी छह माह) में 60 घंटे सामाजिक सेवा से जुड़ी कार्य करने होते है। एक स्वयंसेवक को एक दिन में कम से कम तीन घंटे सामाजिक कार्य करना जरूरी है। दो वर्षों तक एनएसएस के साथ जुड़कर समाज सेवा कार्य करने वाले स्वयंसेवक को हर सेमेस्टर (छमाही) में दो क्रेडिट प्वाइंट मिलेगा, जो उनके एकेडेमिक रिकॉर्ड में जुड़ेगा।
एनएसएस के यूनिवर्सिटी को-ऑर्डिनेटर डॉ बीके झा ने बताया कि बैठक में तय किया गया कि विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय सेवा योजना की गतिविधियों का सालों भर सुचारू रूप से संचालित करने के लिए विद्यार्थियों से कुछ अंशदान राशि लिया जाएगा। इस अंशदान को विद्यार्थियों से नामांकन के समय ही लेने पर चर्चा हुई। इस सबंध में प्रस्ताव बीएयू की आगामी वित्त समिति की बैठक में पेश करने का निर्णय लिया गया।
बैठक में एनएसएस सबंधी सेंट्रल नोडल एजेंसी (सीएनए) के खाते की मैपिंग कराने एवं विद्यार्थियों को सामाजिक सेवा के प्रति संवेदनशील बनाने के उद्देश्य से वृद्धाश्रम और नेत्रहीन विद्यालयों का भ्रमण कराने का भी निर्णय लिया गया। बैठक के दौरान एनएसएस के क्षेत्रीय निदेशक गिरिधर उपाध्धाय द्वारा आगामी दिनों बीएयू परिसर में राष्ट्रीय एकता शिविर के आयोजन पर भी विचार-विमर्श किया गया।
बैठक में डॉ एमएस मल्लिक, डॉ सुशील प्रसाद, डॉ डीके शाही, डॉ एमके गुप्ता, डॉ बीके अग्रवाल, डॉ एके सिंह, डॉ आलोक कुमार पांडे, डॉ ज्योतिष केरकेट्टा, डॉ आरपी मांझी, डॉ प्रवीण कुमार, डॉ जय कुमार, समेति निदेशक विकास कुमार के अलावा राज्य एनएसएस यूनिट के यूथ ऑफिसर प्रियभ्रत मंडल, स्टेट नोडल पदाधिकारी ब्रजेश कुमार, अन्य सदस्यों में अशोक कुमार, दिलेश्वर साहू भी मौजूद थे।