Joharlive Team
चतरा। झारखंड के चतरा जिले के सुदूरवर्ती कान्हाचट्टी प्रखंड में संचालित पशु चिकित्सालय का पुराना भवन पूरी तरह से जर्जर हो चुका है। आलम यह है कि छत में दरारें पड़ गयी हैं, भवन के छज्जे भी झूल गए हैं। ऐसे में कर्मियों के समक्ष जान का खतरा बना रहता है कि कहीं छत नीचे आ जाए और लोगों को अपनी जान-माल की क्षति उठानी पड़े। इस भवन में खिड़कियां तो हैं लेकिन एक भी खिड़की में कांच नहीं है। ऐसे में गर्मी हो या सर्दी या बरसात सभी मौसम की मार कर्मियों को झेलनी पड़ती है। ठंड के मौसम में सर्द हवाएं, गर्मी में लू के थपेड़े और बरसात में बारिश का पानी सीधा कमरे में घुसकर चिकित्सालय में मौजूद लोगों को परेशान करता है। यहां पदस्थापित भृमनशील पशु चिकित्सक डॉ राजेन्द्र प्रसाद मोदी कहते हैं कि कई बार स्थिति से अपने वरीय अधिकारियों को लिखित व मौखिक रूप से अवगत कराया गया। लेकिन नतीजा सिफर निकला है।