रांची: गुरुवार को राजधानी रांची में पीएम विश्वकर्मा योजना पर सेमिनार का आयोजन किया गया. एमएसएमई विकास कार्यालय की ओर से आयोजित सेमिनार में रांची के विधायक सीपी सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार समाज के हर वर्ग के उत्थान के लिए काम कर रही है. बढ़ई, लोहार, सोनार और मछली पकड़ने के लिए जाल बनाने वाले समेत अठारह किस्म के कारीगरों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीएम विश्वकर्म योजना की शुरुआत की है. इस योजना के तहत कारीगर प्रशिक्षण लेकर और बैंक से मामूली ब्याज पर ऋण लेकर अपने कारोबार को आगे बढ़ा सकते हैं. इससे पहले मुख्य अतिथि रांची विधायक सीपी सिंह व अन्य विशिष्ट अतिथियों ने सभाकक्ष, मुख्यमंत्री लघु एवं कुटीर उद्यम विकास बोर्ड, रातु रोड, रांची में दीप प्रज्ज्वलित कर उद्घाटन किया. कार्यक्रम में संयोजक नीतू, सहायक निदेशक ने मुख्य अतिथि एवं सभी गणमान्य अतिथियों का स्वागत किया.

18 किस्म के कारीगरों को मिलेगा लाभ

इंद्रजीत यादव आईईडीएस संयुक्त निदेशक एवं कार्यालय प्रमुख, एमएसएमई-विकास कार्यालय, रांची ने कार्यक्रम के उद्देश्य व रूपरेखा से अवगत कराया. उन्होंने बताया कि पीएम विश्वकर्मा योजना में 18 पारंपरिक विद्याओं में कार्य करने वाले कारीगर और शिल्पकार सम्मिलित हैं. जिसमें कारपेंटर, नाव बनाने वाले, अस्त्र बनाने वाले, लोहार, ताला बनाने वाले, हथौड़ा और टूलकिट बनाने वाले, सोनार, कुम्हार, मूर्तिकार, मोची, राजमिस्त्री, डलिया, चटाई, झाड़ू बनाने वाले, गुड़िया और खिलौने बनाने वाले, नाई, मालाकार, धोबी, दर्जी, मछली का जाल बनाने वालों को लाभ मिलेगा.

प्रशिक्षण में स्टाइपेंड भी मिलेगा

उन्होंने यह भी बताया कि इस योजना के तहत चयनित लाभार्थियों को 5-7 दिन का प्रशिक्षण एवं रूपए 500/- प्रतिदिन की दर से स्टाइपेंड मिलेगा. प्रशिक्षण के बाद टूल किट हेतु 15 हजार रूपए ई-वाउचर के रूप में प्राप्त होंगे. प्रथम चरण में एक लाख रूपए तक का ऋण तथा द्वितीय चरण में दो लाख रूपए तक का कोलेटरल फ्री ऋण (5 प्रतिशत ब्याज की दर से) की व्यवस्था की गई है. प्रशिक्षण प्राप्त करने पर पीएम विश्वकर्मा प्रमाण-पत्र और पहचान पत्र उपलब्ध कराए जाएंगे. राजीव रंजन महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र रांची, बीके सिंघा क्षेत्रीय निदेशक आरडीएसडीई रांची, अरूप बनर्जी राज्य प्रभारी सीएससी-एसपीवी झारखंड ने भी अपने विचार व्यक्त किए. सीएससी रांची के वरिष्ठ प्रबंधक शशि शुक्ला ने इस योजना में रजिस्ट्रेशन करने की प्रक्रिया पात्रता एवं मिलने वाले लाभ के बारे में विस्तृत जानकारी पेश की. सीएससी की ओर से एक “ऑन द स्पॉट रजिस्ट्रेशन” शिविर का भी आयोजन किया गया. जिसमें कई पारंपरिक शिल्पकारों और कारीगरों का इस योजना के तहत पंजीकरण भी किया गया.

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