धनबाद: झारखंड में गोवध निषेध कानून को सख्ती से लागू किया जाएगा. झारखंड में अबतक गौ सेवा आयोग की पहचान एक अनुदान देनीवाली संस्था के तौर पर ही रही है. झारखंड में निबंधित 23 गौशालाएं संचालित है. जिसमें गौ वंशियों के भोजन आदि की व्यवस्था करना एवं एक सुपर स्ट्रेक्चर का निर्माण प्राथमिकता है. उक्त बातें झारखंड गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष राजीव रंजन ने मंगलवार को धनबाद में मीडिया कर्मियों से बात करते हुए कही.
उन्होंने कहा कि लोग गौ सेवा तो करना चाहते हैं पर वर्तमान परिदृश्य में यह संभव नही हो पाता है कि सभी गौ पालक बनकर गौ सेवा कर सके. इसके लिए आम जनमानस की भागेदारी के लिए आयोग द्वारा “गौमाता हमारा दायित्व” के नाम से योजना लाया जा रहा है. इसमें सीधे-सीधे आम जनमानस को गौ सेवा के लिए योजना से जोड़ा जाएगा. सभी गौशालाओं का डेटा बेस भी तैयार किया जा रहा है. वहीं पालन पोषण की पूरी जानकारी वेबसाईट में होगी ताकि कोई भी जो गौ पालक बनना चाहता है वह अपनी इच्छाशक्ति अनुसार गौशाला को गोद लेकर गौ सेवा कर पाए ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित होगी.