ममता बनर्जी ने शुक्रवार को बंगाल यात्रा के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी की यास तूफान से हुए नुकसान की समीक्षा के लिए बुलाई गई बैठक में शामिल नहीं होने को लेकर सफाई दी। पश्चिम बंगाल की सीएम ने कहा कि दरअसल यह बैठक पीएम-सीएम की नहीं थी। वह तो पीएम मोदी बंगाल आए, इसलिए सौजन्यवश और शिष्टाचार के नाते उनसे मिलने गई थी। ममता ने सवाल किया कि इस बैठक में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी का क्या काम था? मुझे किसी केंद्रीय मंत्री के इस बैठक में होने पर कोई आपत्ति नहीं। बल्कि पीएम की सुरक्षा में लगी एसपीजी ने मुझे एक घंटे रुकने के लिए कहा था।
मुख्य सचिव का तबादला आदेश वापस लें
बंगाल की सीएम ने कहा कि मैं प्रधान मंत्री से अनुरोध करती हूं कि राज्य के मुख्य सचिव के दिल्ली तबादले के डीओपीटी के आदेश को वापस लें और हमें काम करने दें। कुछ शिष्टाचार होना चाहिए। केंद्र राज्य को काम नहीं करने दे रहा है। बंगाल मेरी प्राथमिकता है और मैं इसे कभी खतरे में नहीं डालूंगीं। मैं यहां के लोगों के लिए सुरक्षा गार्ड बनी रहूंगी। बता दें, बंगाल में पीएम की बैठक को लेकर शुक्रवार को हुए बवाल के बाद केंद्र सरकार ने मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय को केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय में अटैच करने का आदेश देते हुए उन्हें तत्काल रिलीव करने का आदेश दिया है।
30 मिनट लेट पहुंचने का भी दिया जवाब
ममता बनर्जी ने पीएम नरेंद्र मोदी की मीटिंग में 30 मिनट लेट पहुंचने और कागजात देकर निकल जाने के आरोप का भी जवाब दिया। शनिवार को उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह स्पष्टीकरण दिया। ममता ने बताया कि पीएम से मुलाकात के पहले क्या हुआ? ममता ने इसका भी जवाब दिया कि क्यों उन्होंने पीएम मोदी को रिसीव नहीं किया?
जरूरी नहीं कि सीएम हर बार पीएम को रिसीव करे
ममता बनर्जी ने यह भी कहा कि इसकी कोई जरूरत नहीं है कि हर बार सीएम, पीएम को रिसीव करे। कभी-कभी कुछ राजनीतिक तमाशे भी होते हैं। ममता ने साफ कहा कि उन्हें खुद वहां (पीएम की मीटिंग में) इंतजार करना पड़ा। ममता ने दावा किया कि जब हम पहुंचे तो हमें सूचना मिली कि हमें 20 मिनट इंतजार करना होगा, क्योंकि पीएम मोदी के हेलीकॉप्टर को उतरना था।