Joharlive Team

रांची। लालू प्रसाद यादव के जेल मैनुअल उल्लंघन मामले पर हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। शुक्रवार को जस्टिस एके सिंह की अदालत में सुनवाई हुई। अदालत ने मामले में सभी पक्षों को सुनने के उपरांत रिम्स प्रबंधन के द्वारा लालू प्रसाद के स्वास्थ्य रिपोर्ट और जेल मैनुअल उल्लंघन मामले की रिपोर्ट को देखने के बाद अदालत ने अपनी संतुष्टि जताते हुए मामले की सुनवाई तत्काल स्थगित कर दी है।

अदालत में सुनवाई के दौरान रिम्स प्रबंधन की ओर से रिम्स के डायरेक्टर ने जवाब पेश किया। जवाब के माध्यम से अदालत को बताया गया कि लालू प्रसाद की बीमारी को देखने के बाद डॉक्टरों की टीम गठित की गई थी। डॉक्टर की टीम द्वारा जो निर्णय लिया गया, उस निर्णय के आलोक में उन्हें इलाज के लिए एम्स भेजा गया है। निमोनिया, हार्ट पेन और अन्य ऐसे कई कठिनाई देखने को मिली, जिस पर 23 जनवरी को मेडिकल बोर्ड ने उन्हें एम्स नई दिल्ली के लिए रेफर किया. रिम्स के डायरेक्टर ने स्वास्थ्य रिपोर्ट दायर करने में देरी पर बताया है कि उनकी मां की तबीयत काफी सीरियस थी, इसलिए वह नहीं थे। जिसके कारण से समय पर रिपोर्ट नहीं सौंपी गई. जेल मैनुअल उल्लंघन मामले में पूर्व में ही आईजी प्रिजन ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी. अदालत ने दोनों रिपोर्ट को देखने के उपरांत अपनी संतुष्टि जताते हुए मामले की सुनवाई तत्काल स्थगित कर दी है।

पूर्व में लालू प्रसाद की जमानत याचिका की सुनवाई के दौरान सीबीआई की ओर से यह मामला उठाया गया था कि लालू प्रसाद रिम्स में बीमारी के नाम पर इलाजरत हैं, वहां वे धड़ल्ले से जेल मैनुअल का उल्लंघन कर रहे हैं जो अदालत के आदेश की भी अवमानना है। उस पर अदालत ने राज्य सरकार को जेल मैनुअल उल्लंघन और रिम्स प्रशासन को लालू प्रसाद के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी पेश करने को कहा था। उसी आदेश के आलोक में अदालत में जवाब पेश किया गया।

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