बोकारो: रविवार को झालसा रांची व प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार बोकारो द्वारा तेनुघाट जेल में बंदियों के बीच जेल अदालत सह विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया. जागरूकता कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रथम श्रेणी न्यायायिक दंडाधिकारी रूपम स्मृति टोपनो ने बंदियों को कानून के बारे में बताया. साथ ही अधिकार और कर्तव्य की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि जहां अधिकार है, वहीं कर्त्तव्य भी है. रोड पर चलना जहां आपका अधिकार है वहीं बाएं ओर चलना आपका कर्तव्य है. इसलिए आपको अधिकार के साथ ही साथ कर्त्तव्य का भी पालन करना चाहिए. आगे बंदियों को प्रदान किए जाने वाले विभिन्न विधिक सहायता के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि नालसा, नई दिल्ली एवं झालसा, रांची के द्वारा बंदियों के लिए विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम समय-समय पर चलाए जा रहे हैं. जिनके माध्यम से उन बंदियों को उचित विधिक सहायता प्रदान की जाती है.
उन्होंने कहा कि इसके तहत प्रत्येक महीने जेल अदालत का आयोजन किया जाता है. आगे बंदियों से जेल में मिलने वाली सुविधाओं के बारे में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि वैसे बंदी जो स्वयं के खर्च पर अपना अधिवक्ता रख पाने में असमर्थ हैं, उनके लिए सर्वोच्च न्यायालय, नई दिल्ली के निर्देश पर लीगल एण्ड डिफेंस काउंसिल के तहत अधिवक्ताओं की प्रतिनियुक्ति की गई है. जो उन बंदियों के केस में संबंधित न्यायालय में निरंतर पैरवी करते हैं. इस दौरान स्वागत भाषण एव मंच संचालन अधिवक्ता सुभाष कटरियार और धन्यवाद ज्ञापन जेलर नीरज कुमार ने किया. मौके पर विजय कुमार एवं जेल कर्मियों की भूमिका सराहनीय रही. उक्त जानकारी अनुमंडल विधिक सेवा प्राधिकार समिति के सचिव सह एसडीजेएम रश्मि अग्रवाल ने दी.
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