पलामू : आचार संहिता के एक मामले में एमपी एमएलए के स्पेशल कोर्ट सतीश कुमार मुंडा की अदालत में पूर्व मंत्री भानु प्रताप शाही उपस्थित हुए. मामले में सुनवाई के बाद न्यायालय द्वारा उन्हें मामले से बरी करने का आदेश दिया गया।
मालूम हो कि 31 अक्टूबर 2014 को तत्कालीन पंचायत सेवक, अरंगी, प्रखंड सारंगी के महावीर महतो के द्वारा भानु प्रताप शाही और केदार प्रसाद के खिलाफ 31 अक्टूबर 2014 को संध्या 8:30 बजे उच्च विद्यालय तोरेलावा, सरकारी भवन में ध्वनि विस्तारक यंत्र का उपयोग कर आचार संहिता का उल्लंघन का मामला दर्ज करवाया गया था। दर्ज प्राथमिकी में आरोप लगाया गया था कि उक्त तारीख को आदर्श आचार संहिता 2014 संपूर्ण क्षेत्र में लगाई गई थी। इसी दौरान जो वीडियोग्राफी करवाई गई थी। उसमें नौजवान संघर्ष मोर्चा के बैनर तले कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। आरोप था कि इससे संबंधित कोई अनुमति नहीं ली गई थी। मामले में सुनवाई के बाद न्यायालय द्वारा साक्ष्य के अभाव में बरी करने का आदेश दिया गया।
बता दें कि दवा घोटाले में भी सीबीआइ द्वारा प्राथमिकी दर्ज करने के बाद ईडी ने भानु प्रताप शाही के खिलाफ मनी लाउंडिंग के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की थी। ईडी द्वारा की गयी जांच के आधार पर एडजुकेटिंग अथोरिटी ने शाही व उनके पारिवारिक सदस्यों के नाम अर्जित संपत्ति जब्त करने का आदेश दिया था. इस आदेश के आलोक में प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों ने गुड़गांव स्थित संपत्ति अपने कब्जे में ली थी।इसके पहले शाही की रांची समेत अन्य स्थानों की संपत्ति भी कब्जे में ली जा चुकी थी।