Sriharikota : भारत के अंतरिक्ष संगठन, ISRO ने अपनी ऐतिहासिक 100वीं उड़ान के लिए 27 घंटे का काउंटडाउन शुरू कर दिया है. 29 जनवरी 2025 को श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के दूसरे लॉन्च पैड से NVS-02 मिशन को लॉन्च किया जाएगा. यह मिशन नाविक (NAVIC) उपग्रह श्रृंखला का दूसरा उपग्रह है, जिसे GSLV-F15 रॉकेट द्वारा अंतरिक्ष में भेजा जाएगा.
इस मिशन का क्या है महत्व
ISRO के लिए यह 100वां लॉन्च विशेष मायने रखता है, क्योंकि यह संगठन की प्रगति और तकनीकी क्षमता का प्रतीक है. साथ ही, यह ISRO के नए अध्यक्ष वी नारायणन के तहत पहला मिशन भी होगा, जिन्होंने 13 जनवरी 2025 को कार्यभार संभाला था.
NVS-02 सैटेलाइट की खासियत
NVS-02 उपग्रह, NAVIC प्रणाली का दूसरा सैटेलाइट है, जिसे भारतीय उपमहाद्वीप और इसके आस-पास के 1500 किलोमीटर क्षेत्र में सटीक स्थिति, वेग और समय सेवा प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है. यह सैटेलाइट GSLV-F15 की 17वीं उड़ान में लॉन्च किया जाएगा और इसका वजन लगभग 2250 किलोग्राम है. इसमें नेविगेशन पेलोड के साथ-साथ सी-बैंड में रेंजिंग पेलोड भी है, जो इसके पूर्ववर्ती NVS-01 की तरह कार्य करेगा.
मिशन के क्या होंगे लाभ
इस उपग्रह का उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में किया जाएगा, जैसे भूमि, वायु और समुद्री नेविगेशन, सटीक कृषि, फ्लीट प्रबंधन, स्थान-आधारित सेवाएं, उपग्रह कक्षा निर्धारण, और आपातकालीन सेवाएं. इसके अलावा, यह इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) आधारित अनुप्रयोगों के लिए भी सहायक होगा.
आगे की राह
इस मिशन के बाद इसरो के NAVIC सिस्टम में पांच दूसरी पीढ़ी के सैटेलाइट्स शामिल होंगे – NVS-01, NVS-02, NVS-03, NVS-04, और NVS-05. इन सैटेलाइट्स का मुख्य उद्देश्य NAVIC बेस लेयर कॉन्स्टेलेशन की क्षमताओं को और मजबूत करना है ताकि सेवाओं की निरंतरता बनी रहे.
⏱️ T-15 minutes to liftoff! Get ready to witness the power of GSLV-F15 and the launch of NVS-02.
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— ISRO (@isro) January 29, 2025
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