उदयपुर : मेवाड़ राजपरिवार के सदस्य महेंद्र सिंह मेवाड़ और अरविंद सिंह मेवाड़ के समर्थकों के बीच संपत्ति विवाद अब सड़कों तक पहुंच चुका है. 25 नवंबर को चित्तौड़गढ़ दुर्ग में महेंद्र सिंह के बेटे विश्वराज सिंह मेवाड़ का पारंपरिक राजतिलक हुआ, जिसके बाद सिटी पैलेस के बाहर दोनों पक्षों के बीच हिंसक झड़प हो गई. इस दौरान पथराव हुआ, जिसमें तीन लोग घायल हो गए हैं. बता दें कि ये राजपरिवार महाराणा प्रताप सिंह के वंशज हैं.
पत्थरबाजी में पुलिसकर्मी समेत तीन घायल
विवाद का कारण यह था कि राजतिलक के बाद विश्वराज सिंह मेवाड़ और उनके समर्थकों का काफिला सिटी पैलेस पहुंचा, लेकिन पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर उन्हें आगे जाने से रोक दिया. इस कारण समर्थकों और पुलिस के बीच नोकझोंक हुई और बाद में दूसरे पक्ष के समर्थक भी मौके पर पहुंच गए. फिर दोनों पक्षों के बीच हिंसा बढ़ गई और पत्थरबाजी शुरू हो गई. सिटी पैलेस वर्तमान में अरविंद सिंह मेवाड़ के अधीन है, जो दिवंगत भगवत सिंह मेवाड़ की वसीयत के आधार पर ट्रस्ट के अध्यक्ष हैं. अरविंद सिंह मेवाड़ ने विश्वराज सिंह के समर्थकों को सिटी पैलेस में प्रवेश देने से मना कर दिया, जिसके बाद स्थिति तनावपूर्ण हो गई. पुलिस ने सिर्फ तीन गाड़ियों को अंदर जाने की अनुमति दी थी, जबकि समर्थकों की मांग थी कि दस गाड़ियों के साथ प्रवेश दिया जाए.
452 साल पुरानी राजतिलक की परंपरा
ज्ञात हो कि विश्वराज सिंह मेवाड़, जिनका राजतिलक 452 साल पुरानी परंपरा के तहत हुआ, नाथद्वारा विधानसभा से भाजपा के विधायक हैं, जबकि उनकी पत्नी महिमा कुमारी मेवाड़ राजसमंद से भाजपा सांसद हैं. इस राजतिलक की रस्म ‘फतह प्रकाश महल’ में आयोजित की गई, जहां उनके तिलक के समय सलूम्बर के रावत देवब्रत सिंह ने उंगली काटकर खून से तिलक किया. यह खून से तिलक करने की परंपरा महराणा प्रताप के समय से चली आ रही है.
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