Joharlive Desk

पटना । बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने कोरोना जांच के संबंध में स्वास्थ्य मंत्री और मुख्यमंत्री के अलग-अगल दावों को लेकर नीतीश सरकार पर हमला बोला और कहा कि राज्य में जांच के आंकड़ों के साथ हेराफेरी हो रही है।

मुख्य विपक्षी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता श्री यादव ने गुरुवार को ट्वीट किया, “बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने मॉनसून सत्र के दौरान सदन में मुझे बताया कि कुल कोरोना जांच में से आरटीपीसीआर से 52.9 प्रतिशत, ट्रूनेट मशीन से 17.9 प्रतिशत और एंटीजन किट से 29 प्रतिशत जांच की जा रही है लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 11 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ समीक्षा बैठक में बताया कि बिहार में आरटीपीसीआर से प्रतिदिन 10 प्रतिशत से भी कम जांच हो रही है। कौन सच्चा, कौन झूठा।”

श्री यादव ने कहा कि बिहार में जब प्रतिदिन 10 हजार सैंपल की जांच हो रही थी तो 3000-3500 संक्रमित मिल रहे थे और अब 75 हजार जांच हो रही तब भी लगभग 3500-4000 मरीज मिल रहे है। इसका सीधा मतलब है कि जांच के आंकड़ों की हेरा फेरी हो रही है। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री श्री कुमार जगहसाई से बचने के लिए रैपिड एंटीजन टेस्ट की संख्या बढ़ा रहे हैं।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि बिहार को छोड़ लगभग अधिकांश राज्यों ने आरटीपीसीआर जांच का दायरा बढ़ाने का काम किया है। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु में सभी टेस्ट आरटीपीसीआर के माध्यम से हुए हैं और रोजाना औसतन 67000 जांच की जा रही है । इसी तरह आंध्र प्रदेश में 27000, गुजरात में 20000 प्रतिदिन आरटीपीसीआर से जांच हो रही है ।

श्री यादव ने सवालिया लहजे में कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बताएं इमरजेंसी रिस्पॉन्स एंड हेल्थ प्रिपेयर्डनेस पैकेज में मिले फंड की कितनी राशि खर्च हुई और दूसरी किस्त में बिहार जैसे महत्वपूर्ण राज्य को बाहर क्यों रखा गया है जबकि बिहार को इसकी सबसे ज्यादा जरुरत है। उन्होंने कहा कि क्या डबल इंजन सरकार का यही फायदा बिहार को मिला।

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