Joharlive Desk
नई दिल्ली। महाराष्ट्र और गुजरात पर इस वक्त सभी की नजरें हैं, क्योंकि यहां कोरोना वायरस के सबसे अधिक मामले सामने आ रहे हैं। महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण की संख्या 10 हजार के आंकड़े को पार चुकी है और यही राज्य भारत में कोरोना से सबसे अधिक प्रभावित है।
महाराष्ट्र में 459 लोगों की मौत हो गई है। वहीं गुजरात भारत का दूसरा ऐसा राज्य है, जहां कोरोना का संक्रमण तेजी से फैला है। गुजरात में कोरोना के मामले 4,000 की संख्या को पार कर चुके हैं, जबकि 214 लोगों की मृत्यु हो गई है, लेकिन अब हालात और भी गंभीर होते नजर आ रहे हैं।
महाराष्ट्र और गुजरात के बाद बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल कोरोना के नए हॉटस्पॉट बन सकते हैं, क्योंकि इन राज्यों में अचानक से संक्रमितों की संख्या बढ़ने लगी है। चेन्नई के इंस्टीट्यूट ऑफ मैथमेटिक्स साइंसेज (IMSc) के डाटा बताते हैं कि बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल इन तीनों राज्यों में 29 अप्रैल तक कुल 1,200 मामले थे और इन राज्यों में कोरोना संक्रमण की स्पीड काफी तेज है।
29 अप्रैल को पश्चिम बंगाल में 696 मामले की पुष्टि हुई, जबकि बिहार और झारखंड से क्रमशः 383 और 107 नए संक्रमण सामने आए। तीनों राज्यों में संक्रमण का प्रतिशत देश के अन्य राज्यों की तुलना में 4 फीसदी से भी कम है, जबकि देश के 40 फीसदी मामले गुजरात और महाराष्ट्र में ही हैं।
IMSc के सीताभरा सिन्हा ने इस मसले पर कहा, ‘पश्चिम बंगाल, बिहार और झारखंड में भले ही संक्रमण की संख्या कम है लेकिन मुझे लगता है कि इन राज्यों पर ध्यान देने की जरूरत है। पश्चिम बंगाल पर विशेष ध्यान देना होगा।
पहले ऐसा लग रहा था कि मार्च के अंत तक पश्चिम बंगाल में स्थिति बेहतर हो जाएगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। पिछले तीन हफ्तों पर नजर डालें तो पश्चिम बंगाल महाराष्ट्र की राह पर जाता दिख रहा है।’ यहां गौर करने वाली बात यह है इन तीन राज्यों में संक्रमण दोगुने होने की रफ्तार पश्चिम बंगाल में सबसे अधिक है।
सिन्हा के मुताबिक लॉकडाउन से पहले प्रति व्यक्ति संक्रमण 1.83 था जो कि 20-27 अप्रैल के बीच 1.29 हो गया था। वहीं पश्चिम बंगाल में 18-27 अप्रैल के बीच प्रति व्यक्ति संक्रमण का दर 1.52 हो गया था। इसका मतलब यह है कि इस अवधि में पश्चिम बंगाल में प्रति 100 लोगों ने 152 लोगों को संक्रमित किया।
बिहार और झारखंड में यह दर क्रमशः 2.03 और 1.87 रही। सिन्हा के मुताबिक लॉकडाउन का काफी फायदा मिला है। महाराष्ट्र, गुजरात, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश में मामले लगातार बढ़ रहे हैं, जबकि आंध्र प्रदेश और मध्य प्रदेश में रफ्तार धीमी है।
पिछले सप्ताह मुंबई में हर रोज 355 केस सामने आए जो कि पूरे राज्य का 26 फीसदी है, जबकि पिछले दो सप्ताह में मुंबई में मौत का प्रतिशत पूरे राज्य का 21 फीसदी है। महाराष्ट्र में 459 लोगों की मौत हो गई है। गुजरात में भी ऐसे ही हालात हैं। पिछले सप्ताह अहमदाबाद में प्रतिदिन 149 मामले आए हैं जो कि पूरे राज्य का 27 फीसदी है। अहमदाबाद में 66 लोगों की मौत हुई है जो कि पूरे राज्य का 36 फीसदी है।