Joharlive Desk
नई दिल्ली। विश्व स्वास्थ्य संगठन की प्रवक्ता डॉक्टर मार्गरेट हैरिस ने एक बयान में चेतावनी देते हुए कहा है कि दुनिया कोरोना संक्रमण के पहली ‘बड़ी लहर’ के बीच से ही गुजर रही है। उन्होंने आगाह करते हुए कहा कि कुछ लोग अभी भी मुगातले में हैं कि कोरोनावायरस कमजोर पड़ जाएगा। कोरोना संक्रमण से पूरी दुनिया में अबतक 1 करोड़ 67 लाख से अधिक संक्रमित हैं और 6.5 लाख से अधिक की मौत हो चुकी है।
डा. मार्गरेट हैरिस ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी मौसमी नहीं, बल्कि ‘एक बड़ी लहर’ होगी। उन्होंने उत्तरी गोलार्ध में गर्मियों के दौरान संक्रमण के रोकथाम में किसी भी तरह की कोताही को लेकर भी चेतावनी दी है। उनके मुताबिक वरना मामले और गंभीर हो सकते हैं।
डॉक्टर मार्गरेट हैरिस ने आगे कहा है कि कोरोना वायरस इन्फ्लुएंज़ा की तरह नहीं है, जिनका प्रकोप मौसमी किस्म का होता है। उन्होंने कहा कि लोग अभी भी यह सोच रहे हैं कि यह एक मौसमी बीमारी की तरह है और मौसम बदलने के साथ यह अपने आप खत्म हो जाएगी। उन्होंने एक बार फिर आगाह करते हुए कहा, हमें ये बात अपने दिमाग से निकाल देनी चाहिए, क्योंकि कोरोना एक नया वायरस है और यह अलग तरह से बर्ताव कर रहा है।
दरअसल, कोरोना वायरस के खात्मे को लेकर पूर्व में दावा किया गया था कि गर्मी का मौसम शुरु होते ही नोवल करोना वायरस का प्रभाव खत्म हो जाएगा और यह खुद ब खुद मर जाएगा, लेकिन गर्मी खत्म होने को है और कोरोना का तांडव डबल और ट्रिपल गति से लोगों को संक्रमित ही नहीं, जिंदगी भी छीन रही है।
कोरोना वायरस की विभित्सता का उल्लेख करते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पहले आगाह किया था कि संभव है कि दुनिया में कोविड-19 का वैक्सीन ही न मिले। डब्ल्यूएचओ द्वारा ऐसी आशंका इसलिए जताई गई है कि एचआईवी और यहां तक कि डेंगू की भी वैक्सीन कई सालों के रिसर्च के बाद भी नहीं मिल पाई है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन में कोविड-19 के विशेष दूत डॉ.डेविड नैबोरो ने कहा, ‘यहां कुछ वायरस हैं, जिनकी कोई वैक्सीन नहीं है, हम यह नहीं मान कर चल सकते कि वैक्सीन आ जाएगी और अगर यह आती भी है, तो क्या सभी तरह की सुरक्षा और क्षमता के मानकों पर खरा उतरती है या नहीं?
दुनिया में 1.67 करोड़ से अधिक लोगों के संक्रमित होने और साढ़े 6 लाख से अधिक की मौत इसकी तस्दीक के लिए काफी हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार अभी तक मिले साक्ष्य बताते हैं कि कोविड-19 वायरस सभी मौसम और इलाकों में फैल सकता है, जिसका गर्मी या सर्दी से लेना-देना नहीं है।