रांची। पिछले 2 सालों से हम और हमारा देश कोरोना की भयावहता से जूझ रहा है। इसी साल कोरोना की दूसरी लहर से हमने अपनों को अपनी आंखों के सामने मरते हुए देखा है। अस्पतालों में संसाधनों को कम पड़ते हुए भी देखा है। आज कोरोना की तीसरी लहर फिर से दस्तक दे रहा है। कहीं ऐसा ना हो कि हमारी लापरवाही एक बार फिर इस बीमारी को भयावह रूप लेने में सहायक साबित हो। यह कहना है डॉक्टर विकास कुमार का।
डॉ विकास डिपार्टमेंट ऑफ न्यूरो सर्जरी सह जेडीए प्रेसिडेंट रिम्स वचीफ एडवाइजर ऑफ फोरडा इंडिया से जुड़े हुए है। उनका कहना है कि *यह सत्य है कि कोरोना के तीसरी लहर में मृत्यु दर पिछले वैरिएंट के तुलना में काफी कम है, लेकिन यह भी सत्य है कि इसका संक्रमण दर ( rate of infection) काफी ज़्यादा है।
अनुमानतः केवल 1- 2 फीसदी लोगों को ही अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत पड़ेगी।* *लेकिन यह बात भी विचारणीय है कि यदि संक्रमितों की संख्या बहुत ज्यादा हो गई तो तो इनका एक से दो परसेंट कहीं हमारे हॉस्पिटल कैपेसिटी से ज्यादा ना हो जाए और अगर ऐसा होता है तो फिर से वह भयावह स्थिति पैदा हो जाएगी जहां लोगों के लिए न हॉस्पिटल में बेड अवेलेबल होगी ना ऑक्सीजन !! और लाखों जाने जाएंगे*इसलिए सुरक्षित रहें, सावधान रहें और लापरवाही बिलकुल न करें। याद रखें साथ मिलकर ही हम इस तीसरी लहर का मुकाबला कर सकते हैं।