JoharLive Team
रांची। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोमवार को कहा कि कोरोना वायरस एक महामारी के रूप में पूरी दुनिया मे फैल गया है। इसको देखते हुए राज्य सरकार ने 17 मार्च से 14 अप्रैल तक सभी स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी, सिनेमा हॉल, स्विमिंग पूल बंद करने का निर्देश दिया है। सोमवार को झारखंड विधानसभा में हुई अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक के बाद उन्होंने कहा कि 15 दिनों के बाद सरकार स्थिति की फिर से समीक्षा करेगी, उसके बाद आगे का निर्णय लिया जाएगा। इस दौरान गोष्ठी और सरकारी आयोजनों पर भी रोक रहेगी।
सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य के सभी मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल में आइसोलेशन सेंटर स्थापित करने का निर्देश दिया गया था और वह तैयार है। इसके साथ ही पब्लिक सेक्टर के हॉस्पिटल को भी आइसोलेशन सेंटर स्थापित करने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने कहा कि जहां तक कोरोना वायरस की जांच की बात है उसकी व्यवस्था एमजीएम जमशेदपुर में है. निजी अस्पताल में इसकी जांच नहीं की जा सकती है। इसलिए रांची समेत राज्य के सभी प्रमंडल में लैब स्थापित किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ जिले और प्रखंड चिन्हित हैं, जहां से लोग केरल और महाराष्ट्र समेत अन्य राज्य में काम करने गए हैं। उन इलाकों में भी लैब स्थापित करने का निर्देश दिया गया है।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि 300 मेडिकल और पैरामेडिकल स्टाफ को ट्रेनिंग दी गई है और 20 मार्च तक सभी जिलों में आपदा से निपटने का काम होगा। उन्होंने कहा कि एपिडेमिक डिजीज एक्ट के तहत सभी जिला के उपायुक्तों को शक्ति प्रदान कर दी गई है कि वह किसी भी संदिग्ध की जांच करा सकते हैं। अगर वह जांच में कॉआपरेट नहीं करता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि इसके लिए जांच मशीन और अन्य उपकरण के लिए 200 करोड़ की राशि का प्रावधान भी किया गया है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि छोटे बच्चों के लिए अलग से जांच के लिए आइसोलेशन वार्ड की व्यवस्था की जा रही है।
सीएम ने कहा कि 488 लोग झारखंड वापस लौटे हैं। उनकी भी जांच की जा रही है। उनमें 175 लोग ऐसे हैं, जिनमें कोई लक्षण नहीं पाए गए हैं. उन्होंने कहा कि बस मालिकों को भी निर्देश दिए गए हैं कि सभी यात्रियों का कम से कम मोबाइल नंबर लें ताकि उनकी ट्रैकिंग की जा सके। इसके साथ ही हॉस्टल बंद करने का निर्णय सरकार ने किया है। वहीं, गरीब परिवार के बच्चे उन हॉस्टल में रह सकेंगे, लेकिन सरकारी निगरानी में। उन्होंने कहा कि महानगरों से मजदूरों की बड़ी संख्या झारखंड वापस लौटेगी। ऐसे में उन्हें राज्य सरकार रेलवे स्टेशन बस पड़ाव पर जांच करवाने की व्यवस्था कर रही है। इसके साथ ही सामाजिक सुरक्षा स्कीम के तहट लाभ देने का भी निर्देश दिया गया है, क्योंकि वह अपना काम छोड़कर वापस आ रहे हैं। ऐसे में उन्हें कोई समस्या नहीं हो।
वहीं, दूसरी तरफ सरकार के इस निर्देश से निजी क्षेत्र में काम करने वाले लोगों के वेतन में भी कोई कटौती नहीं होगी। उन्होंने कहा कि जो लोग निजी क्षेत्र में भी काम कर रहे हैं। उनके प्रतिष्ठान बंद होने के बावजूद उन्हें पैसा मिलेगा ताकि रोजगार पर कोई असर न पड़े। उन्होंने कहा कि नामकुम में राज्य निरीक्षण केंद्र स्थापित किया जा रहा है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जेल में भी नए कैदियों को अलग से पहले 15 दिन आइसोलेशन वार्ड में रखा जाएगा। इस बाबत जेल आईजी को भी दिशा-निर्देश जारी कर दिया गया है। वहीं, धार्मिक स्थलों पर ऐसी व्यवस्था की जाए इसके लिए मुख्यमंत्री ने सदन में मौजूद सदस्यों से अपनी-अपनी राय देने को भी कहा है।
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