नई दिल्ली : देशभर में बढ़ते कोरोना के मामले ने फिर से टेंशन बढ़ा दी है. कोविड-19 केसों में वृद्धि देखी जा रही है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, देश में गुरुवार को पिछले 24 घंटे में 358 नए केस मिले हैं. वहीं देश में एक्टिव मरीजों की संख्या 2,669 हो गई है. कोरोना के नए वैरिएंट JN.1 के अब तक 21 मरीज मिले हैं, WHO से लेकर केंद्र सरकार ने अलर्ट जारी किया है. अस्पतालों में खास एहतियात बरता जा रहा है. भीड़ में मास्क पहनने की अपील की गई है. कोरोना के नए वैरिएंट JN.1 की टेस्टिंग बढ़ाने समेत कई बड़े कदम उठाए जा रहे हैं.
‘नए वैरिएंट से ज्यादा खतरा नहीं’
स्वास्थ्य मंत्री मंडाविया ने राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों को नए वेरिएंट की ट्रैकिंग की सुविधा के लिए सभी कोविड-19 केसों के सैंपल INSACOG लैब में भेजने की सलाह दी है. राज्यों से जागरूकता पैदा करने, महामारी का प्रबंधन करने और तथ्यात्मक रूप से सही जानकारी सुनिश्चित करने का आग्रह किया है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने JN.1 के तेजी से बढ़ते केसों को देखते हुए इसे ‘वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट’ के रूप में वर्गीकृत किया है. हालांकि, इससे लोगों को ज्यादा खतरा नहीं है.
‘स्वास्थ्य मंत्रालय ने परखी तैयारियां’
वर्चुअल बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने सभी स्वास्थ्य मंत्रियों को कोरोनो वायरस पर दिशानिर्देशों के बारे में जानकारी दी और किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयारियों के बारे में फीडबैक लिया. नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वीके पॉल ने बुधवार को नई दिल्ली में कहा कि देशभर में अब तक नए कोविड-19 सब-वैरिएंट जेएन.1 के 21 मामले सामने आए हैं. उन्होंने कहा कि घबराने की कोई जरूरत नहीं है. देश में वैज्ञानिक नए वैरिएंट का एनालिसिस कर रहे हैं. उन्होंने राज्यों को टेस्टिंग बढ़ाने और अपने मॉनिटरिंग सिस्टम को मजबूत करने की जरूरत पर जोर दिया है. वीके पॉल ने कहा, वर्तमान में देश में कोविड 19 के लगभग 2300 एक्टिव मामले हैं. यह उछाल कोविड जेएन.1 वैरिएंट के कारण है. घबराने की कोई जरूरत नहीं है. केरल, तमिलनाडु, गोवा और कर्नाटक में मामले हैं. पिछले 2 हफ्तों में गंभीर बीमारी वाले कोरोना के 16 मरीजों की मौतें हुईं हैं.
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