रांची: सीएम के काफिले पर हमले के मुख्य आरोपी भैरव सिंह की तस्वीर के साथ पूरे शहर में पोस्टर-होर्डिंग्स लगाए जाने के बाद विवाद शुरू हो गया है. विवाद के बाद तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई. आदिवासी समुदाय के लोगों ने पुलिस को सूचना देकर पोस्टर हटवाने का अनुरोध किया. इसके बाद सभी थानों की पुलिस ने भैरव के पोस्टर को जब्त कर हटा दिया है. पूरे मामले को लेकर अरगोड़ा थाने में एफआईआर दर्ज की गई है
पोस्टर पर विवाद
दरअसल पोस्टर में भैरव सिंह को सरना झंडे के साथ दिखाया गया है. इसी बात पर आदिवासी सरना समुदाय के लोग आक्रोशित हो गए. इसके बाद सरना समिति, बिरसा सेना, अमर शहीद वीर बुद्धु भगत मोर्चा, पड़हा सरना प्रार्थना सभा सहित अन्य संगठनों के लोग अरगोड़ा थाना पहुंचे और एफआइआर दर्ज कराई. जिसमें भैरव सिंह, आनंद नगर छठ पूजा समिति सहित अन्य संगठनों को आरोपी बनाया गया है. सभी पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने और सामाजिक सौहार्द्र बिगाड़ने का आरोप लगाया गया है. पुलिस ने मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है.
माहौल बिगाड़ने का आरोप
एफआइआर में भैरव सिंह पर आदिवासियों की धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने, सरना झंडा का अनाधिकृत और गलत ढंग से उपयोग करने का आरोप लगाया गया है. पोस्टर को शहर का माहौल बिगाड़ने की साजिश बताया गया है. ताकि कुछ राजनीतिक दल इसका लाभ ले सके. एफआइआर में एसटी-एससी एक्ट सहित अन्य धाराओं के तहत केस दर्ज करने का अनुरोध किया गया है, साथ ही बड़े आंदोलन की चेतावनी दी गई है.
पोस्टर पर क्या है आपत्ति
एफआइआर के मुताबिक आदिवासियों की धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाते हुए धार्मिक प्रतीक सरना झंडा का गलत ढंग से उपयोग किया गया है. पोस्टर में जिस व्यक्ति के हाथ में सरना झंडा दिखाया गया है वो सीएम के काफिले पर हमले का आरोपी है. पोस्टर में जय सरना और सरना लोगो का उपयोग किया गया है. जबकि इसे धार्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में ही उपयोग किया जाता है. इन प्रतीकों के इस्तेमाल से आदिवासियों की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं.
कौन है भैरव सिंह
24 मार्च 2021 को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के काफिले पर हमला हुआ था. इस मामले में भैरव सिंह को आरोपी बनाया गया है. उसने सिविल कोर्ट में सरेंडर किया था और इसके बाद उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था. 26 जुलाई 2021 को कोर्ट ने भैरव सिंह को जमानत दी थी. जिसके बाद गुरुवार (29 जुलाई 2021) को जेल से रिहा किया गया. जेल से निकलने के बाद भैरव सिंह ने कहा उसे अपने किए पर कोई अफसोस नहीं है. भैरव सिंह ने कहा उसका कोई इरादा नहीं था कि वे मुख्यमंत्री का अपमान करें लेकिन इस मामले में उसे फंसाया गया और निर्दोषों को जेल भेजा गया.