Joharlive Desk

नयी दिल्ली। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने मंगलवार को भारतीय संविधान काे देश की सभ्यता-संस्कृति एवं आदर्शो का प्रतिबिम्ब बताते हुए कहा कि इसके बताये रास्ते पर चल कर ही नये भारत का निर्माण किया जा सकता है।

श्री बिरला ने संविधान को अंगीकार किये जाने 70 वीं वर्षगांठ पर संसद के केन्द्रीय कक्ष में आयोजित विशेष समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि संविधान हमारा पथ प्रदर्शक है इसका रचनात्मक उपयोग करते हुए एक नये भारत की नयी तस्वीर बनानी होगी और यह महान जिम्मेदारी हम सभी के कंधों पर है ।

उन्होंने कहा कि संविधान बस कुछ कानूनों और नियमों की लिखित किताब नहीं है । देश का संविधान हमारे राष्ट्र की सामूहिक चेतना व आदर्शो एवं सामूहिक सपनों तथा आशाओं का प्रतिबिंब है । अब समय आ गया है कि सभी सांसद देश के सामने एक ऐसा आदर्श प्रस्तुत करें जहां अधिकारों के साथ साथ हम अपने कर्तव्यों का स्मरण स्वयं भी करें और दूसरों को भी करायें ।

लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि देशरवासियों से अपेक्षा की जाती है कि वे संविधान का पालन करें , उसके आदर्शो और संस्थाओं का आदर करें । हमसभी देशवासी यदि संविधान के अनुच्छेद 51-ए में दिये गये मौलिक कर्तव्यों को अपने रोजमर्रा के आचरण में उतारें ताे हम बहुत जल्द ही नये भारत का निर्माण कर पायेंगे । संविधान के मौलिक कतव्यों को देखें तो स्पष्ट हो जाता है कि उनमें मानवीय जीवन के ही पहलू को अनुशासित करने की परिकल्पना की गयी है ।

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