रांची: कांग्रेस अपनी राष्ट्रव्यापी भारत जोड़ो यात्रा की शुरूआत की है। कांग्रेस का भारत जोड़ो यात्रा का आज दूसरा दिन झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमिटी के तत्वावधान में झारखंड की राजधानी रांची में भी भारत जोड़ो यात्रा कार्यक्रम के तहत पदयात्रा निकाली गई जो कांग्रेस मुख्यालय से होकर शहीद चौक, अलबर्ट एक्का चौक, सर्जना चौक, होते हुए शहीद स्मारक पहुंची। भारत जोड़ो यात्रा कार्यक्रम में कार्यकर्ताओं का जोश और उत्साह चरम पर था, यह देश को एक करने की यात्रा है। पदयात्रा में नफरत मिटाओ-प्यार बांटो, संवैधानिक संस्थाओं का दुरूपयोग बंद करो, महंगाई कम करो, जैसे नारे लग रहे थे। भारत जोड़ो पदयात्रा के दौरान कांग्रेसजनों द्वारा शहीद स्थल पर माल्यार्पण भी किया गया।
पदयात्रा कार्यक्रम को संबोधित करते प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि यह यात्रा इतिहास लिखेगी। यह एकता की शक्ति दिखाने, कदम से कदम मिलाने और सपनों का भारत बनाने के लिए है। यह पूरे देश की यात्रा है। उन्होंने कहा कि आज करोड़ो लोग महसूस करते हैं कि भारत को एकजुट करने के लिए यह यात्रा काफी लाभदायक साबित होगा। उन्होंने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा एक सकारात्मक राजनीति, शांत चिंतन, और नये संकल्प की शुरूआत है। तिरंगा इस देश में रहने वाले हर व्यक्ति का प्रतिनिधित्व करता है। उन्होंने कहा कि देश बड़े आर्थिक संकट से घिरा है और त्रासदी की तरह बढ़ गया है। उन्होंने कहा कि यह यात्रा भारत के लोगों की आवाज को सूनने के लिए किया गया है। हम आरएसएस और बीजेपी की तरह भारत के लोगों की आवाज को दबाना नहीं चाहते है। भारत के लोगों को सूनना चाहते है। यही है इस यात्रा का मकसद। ये कांग्रेस पार्टी की यात्रा है, देशहित में औऱ उसमें हर वर्ग, हर सम्प्रदाय, हर व्यक्ति, चाहे राजनैतिक हो या अराजनैतिक हो, जो आज इस देश की बिगड़ी हुई अर्थव्यव्था, सामाजिक विद्वेशता, जो बढ़ रही है, जो भारतीय संविधान को खतरा है, उस सब से चिंतित होकर आज उसकी आवश्यकता महसूस करते हैं, इसलिए हम उसको कोई पार्टिज़न नहीं बनाना चाहते, नॉन पार्टिज़न हमारी कांग्रेस पार्टी की यात्रा है। मैं समझता हूँ कि देश में इतने बड़े पैमाने पर, इतने व्यापक स्तर पर न कोई पदयात्रा हुई है, न कोई जन संपर्क अभियान हुआ है, इसलिए हमें इस बात का गर्व है कि कांग्रेस पार्टी ने, जिसने कि जन आंदोलन से इस देश को आजाद कराया, उसी जन आंदोलन के माध्यम से इस देश के बिगड़ते हुए स्वरूप को, सामाजिक समरसता को वापस समाज में लाने के लिए और जनता की आवाज को और मुखर करने के लिए ये भारत जोड़ो यात्रा एक पब्लिक मूवमेंट के रुप में हम लाना चाहते हैं। 100 पदयात्री वो होंगे, जो शुरु से आखिर तक चलेंगे, 3,500 किलोमीटर की यात्रा में। दूसरे होंगे, अतिथि यात्री, जिन प्रदेशों से ये भारत जोड़ो यात्रा नहीं निकल रही है, वहाँ के सौ-सौ पदयात्री भी इसमें शामिल होंगे। तीसरे होंगे प्रदेश यात्री, जो कि जिस प्रदेश से ये यात्रा निकल रही है, वहां के भी सौ-सौ पदयात्री शामिल होंगे। तो हर समय 300 पदयात्री इसमें शामिल रहेंगे।
प्रदेश कांग्रेस कमिटी के कार्यकारी अध्यक्ष श्री बन्धु तिर्की ने कहा कि आज जो सामाजिक धु्रवीकरण हो रहा है, जाति के नाम पर, कपड़े के नाम पर, खाने के नाम पर यह लोकतंत्र के लिए ख़तरनाक है । भयंकर तरीके से सामाजिक ध्रुवीकरण हो रहा है, भारत जोड़ने की जरुरत है।आर्थिक चुनौतियाँ, आर्थिक विषमताएं, सामाजिक ध्रुवीकरण और राजनैतिक तनाव है । जब आर्थिक समस्याएं हैं, सामाजिक चुनौतियाँ हैं, राजनीति में भी बड़ी गंभीर समस्याएं हैं, तो इस संदर्भ में, इस पृष्ठभूमि में हम सभी की उपस्थिति में भारत जोड़ो यात्रा पर विचार हुआ उदयपुर में और 7 तारीख को इसकी शुरुआत कर दी गई है।
मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि 7 सितम्बर यानी कल कन्याकुमारी से कश्मीर, भारत जोड़ो यात्रा की शुरुआत हो चुकी है। यह यात्रा करीब 3,500 किलोमीटर लंबी यात्रा होगी। 12 राज्यों और 2 यूनियन टेरीटरी से गुजरेगी। भारत जोड़ो यात्रा के पीछे एक बड़ी सोच हमारे नेता राहुल गांधी जी की है। उनका मानना है कि जो आर्थिक विषमताएं हैं, महंगाई के कारण, बेरोजगारी के कारण, जीएसटी के कारण, हमारे देश के सामने जो आर्थिक चुनौतियाँ हैं, विषमताएं बढ़ती जा रही हैं, तो इनको मद्देनजर रखते हुए, क्योंकि ये एक तरीके से विभाजन हो रहा है समाज का, आर्थिक विषमताओं के कारण, तो इसलिए भारत को जोड़ना है।
आर्थिक विषमताएं, जो आज हमारे देश में दिखाई दे रही है, महंगाई, बेरोजगारी, जीएसटी, हम दो- हमारे दो, इसकी वजह से जो आर्थिक विषमताएं बढ़ रही हैं, उसको दर्शाना, भारत जोड़ो यात्रा और जिससे भारत टूट रहा है। भारत जोड़ने की स्थिति में क्यों है आज, भारत को जोड़ना जरुरी है क्योंकि भारत टूट रहा है और पहला कारण टूटने का है, आर्थिक विषमताएं, बढ़ती हुई आर्थिक विषमताएं।
पदयात्रा कार्यक्रम में मुख्य रूप से सुखेदव भगत, अनादि ब्रहम, केशव महतो कमलेश, रमा खलखो , रवीन्द्र सिंह, सुनील सिंह, राजीव रंजन प्रसाद, राकेश सिन्हा, डॉ राकेश किरण महतो, डॉ एम तौसीफ, अमुल्य नीरज खलखो, सतीष पॉल मुंजनी, ईश्वर आनंद, गजेन्द्र सिंह, सुरेश बैठा, शमशेर आलम, नेली नाथन, आदित्य विक्रम जायसवाल, केदार पासवान, अमरेन्द्र सिंह, बबलु शुक्ला, अजय नाथ शाहदेव, जगदीश साहु, निरंजन पासवान, सलीम खान, शशि भूषण राय, सुरेन्द्र सिंह, विनय सिन्हा दीपू, राजन वर्मा, एनूल हक, बेलस तिर्की, चन्द्रशेखर शुक्ला, जमील खान, जगरनाथ साहु, छोटू सिंह, जितेन्द्र त्रिवेदी, मदन महतो, गुजजार अहमद, प्रिंस बट्ट, अजय, दीपक ओझा, सुरेन्द्र साहु, नितिन सिरमौर्य, सजल चौबे, अजय चौधरी, सुन्दरी तिर्की, मेहुल प्रसाद, निवारण, राजीव नारायण प्रसाद, मनीष कुमार, मोजिबुल्लाह, शहीद अहमद, वेद प्रकाश तिवारी, धमेन्द्र सिंह, राजेश चन्द्र राजू, सहित सैकड़ो कांग्रेसजन शामिल थे।