रांचीः भाजपा ने कांग्रेस के उस बयान पर हमला बोला है जिसमें भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी को प्रधानमंत्री संग मंच पर उपस्थिति को लेकर सवाल उठाये गये हैं. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर का आरोप है कि सरकारी कार्यक्रम में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष को जगह दी गई. इस पर प्रदेश भाजपा प्रवक्ता कुणाल षाडंगी ने कहा की कांग्रेस को तो बस शोर मचाने की लत है. वर्ना यहां तो सब खैरियत है.
अखबारों में बने रहने के लिए बस विरोध नहीं करनी चाहिये
कुणाल ने कहा कि अखबारों में बने रहने के लिए बस विरोध नहीं करनी चाहिये. तर्कयुक्त विरोध हो तो लोकतंत्र में उसका स्वागत है. वहीं कांग्रेस के आरोपों पर भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता कुणाल षाडंगी ने कहा कि प्रधानमंत्री के साथ मंच पर बाबूलाल मरांडी की उपस्थिति भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के नाते नहीं थी. राज्य के प्रथम आदिवासी मुख्यमंत्री होने के कारण उनके प्रति प्रधानमंत्री का सम्मान और आदर भाव है. उन्होंने कहा कि बाबूलाल मरांडी का ओहदा क्या है यह पीएम के संबोधन के उस अंश से जाहिर हो जायेगा, जब उन्होंने मंच से पूर्व सीएम बाबूलाल जी को “परम मित्र” बताया. जहां तक हैसियत का सवाल है तो कांग्रेस के नेता यह बताएं कि विशाल चौधरी के घर में विभागीय संचिका किस हैसियत से गई थी. दलाल प्रेम प्रकाश के घर में CM सुरक्षा में लगे जवानों की AK-47 की बंदूक कैसे पाई गई थी. मुख्यमंत्री के हस्ताक्षर की हुई चेक बुक माफियाओं के घर पर कैसे मिली थी? कांग्रेस के राज्य के प्रभारी अविनाश पांडे किस हैसियत से सरकारी कार्यक्रम में मंच पर आसीन होते हैं?
सत्ताधारी दल के वरीय नेताओं का मानसिक संतुलन बिगड़ गया है
भाजपा ने कहा बाबूलाल मरांडी की लोकप्रियता से राज्य सत्ताधारी दल पूरी तरह से असहज हो गए है. इनके वरीय नेताओं का मानसिक संतुलन बिगड़ सा गया है. उन्हें सोते समय भी स्वप्नों में बाबूलाल मरांडी ही दिखते हैं. बाबूलाल मरांडी सूबे में सर्वमान्य आदिवासी नेता हैं. इसी इर्ष्या भाव से उनके नेता प्रतिपक्ष के मामले को हेमंत सरकार ने विधानसभा में 4 वर्षों तक लटकाये रखा. अब जब भाजपा ने उन्हें प्रदेश अध्यक्ष बनाकर सम्मान दिया तो संकल्प यात्रा की सफलता से राज्य सरकार की सिंहासन हिलने लगी है.
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