रांची: देशभर में कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ताओं ने ईडी आफिस के बाहर गुरुवार को अडाणी महाघोटाला के विरोध में धरना-प्रदर्शन किया. कांग्रेस के नेता सेबी और उसके चेयरपर्सन को लेकर किए गए खुलासे की निष्पक्ष जांच करने की मांग की है. बता दें कि कुछ दिन पहले ही हिंडनबर्ग के खुलासों ने सेबी और उसके चेयरपर्सन को लेकर जो खुलासे किये हैं उसमें चौंकाने वाली बातें सामने आई है. कांग्रेस नेताओं का कहना है कि ये पूरा मामला मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा है. जिसमें तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता है. इसके बावजूद ईडी ने चुप्पी साध रखी है. भले ही पूरे मामले पर ईडी चुप रहे लेकिन कांग्रेस चुप नहीं रह सकती.

प्रदेश कांग्रेस ने अखिल भारतीय कांग्रेस के निर्देशानुसार, नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष केशव महतो कमलेश के नेतृत्व में अडानी महाघोटाले की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के गठन की मांग को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) कार्यालय के समक्ष विरोध प्रदर्शन किया. विरोध प्रदर्शन के दौरान केशव महतो कमलेश ने कांग्रेस के लगातार प्रयासों और केंद्र सरकार की नकारात्मक प्रतिक्रिया की चर्चा की. उन्होंने कहा, कांग्रेस ने बार-बार अडानी महाघोटाले की जांच की मांग की है, लेकिन केंद्र सरकार ने हमेशा इसे नकारा है. हाल ही में हिंडनबर्ग रिपोर्ट से हमारे आरोप सच साबित हो रहे हैं. केंद्र सरकार की जेपीसी गठन से भागने की हरकत यह दर्शाती है कि वह अपने मित्रों को बचाने में जुटी है.

महतो ने आरोप लगाया कि ईडी जो आमतौर पर विरोधी दलों के खिलाफ कार्रवाई करती है, इस मामले में पूरी तरह खामोश है. उन्होंने कहा कि यह स्थिति दर्शाती है कि जांच एजेंसी केंद्र सरकार के इशारे पर काम कर रही है और विरोधी नेताओं के खिलाफ झूठे आरोप लगाकर उन्हें जेल भेजने में लगी है. उन्होंने ईडी अधिकारियों को चेताते हुए कहा कि आगामी चुनाव के बाद सच्चाई सामने आ जाएगी और दूध का दूध, पानी का पानी हो जाएगा.

कांग्रेस विधायक दल के नेता डॉ. रामेश्वर उरांव ने भी केंद्र सरकार की निंदा की. उन्होंने कहा, देश आर्थिक घोटाले की चपेट में है और सेबी जैसी संस्थाएं भी संदेह के घेरे में हैं, लेकिन केंद्र सरकार सोई हुई है. अडानी महाघोटाले की जेपीसी जांच से सत्ता में बैठे लोगों का पर्दाफाश हो जाएगा, इसलिए प्रधानमंत्री मोदी इस मामले पर चुप्पी साधे हुए हैं. विरोध प्रदर्शन में कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ता शामिल हुए, जिनमें मंत्री दीपिका पांडे सिंह, पूर्व विधायक ममता देवी, प्रदीप यादव, अमूल्य नीरज खलको, सतीश पॉल मुंजनी और कई अन्य मौजूद थे.

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