Joharlive Team
रांची। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवम सांसद दीपक प्रकाश ने झारखंड कांग्रेस के ट्रेक्टर रैली पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कांग्रेस किसानों के नाम पर केवल नैटंकी कर रही।
श्री प्रकाश ने कहा कि रैली में कोई किसान दूर दूर तक नजर नही आये।
उन्होंने कहा कि देश मे कांग्रेस पार्टी के लंबे शासन काल मे लाखों किसानों का विस्थापन हुआ,लोग जमीन से बेदखल हुए,बेघर हुए। कांग्रेस पार्टी को बताना चाहिये कि इस संबंध में पार्टी ने क्या किया।
श्री प्रकाश ने कहा कि कांग्रेस की नीतियों और कार्यक्रमो ने किसानों को गरीबी में जीने केलिये विवश किया।पूरे देश मे अपनी कड़ी मेहनत से अनाज के गोदामो को भरने वाला किसान लगातार कर्ज में डूबने,आत्महत्या करने को मजबूर होता गया। उन्होंने कहा कि किसान को आत्म निर्भर, स्वावलंबी बनाने की दिशा में कार्य नही किये।
श्री प्रकाश ने कहा कि आज केंद्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में गांव, गरीब,किसान को मजबूत बनाने वाली सरकार चल रही। मोदी सरकार ने किसानों की आय 2022 तक दोगुनी करने का संकल्प व्यक्त किया है जिस पर तेजी से योजनाओं का क्रियान्वयन हो रहा। कृषि कानून बनाकर एक ऐतिहासिक पहल की गई है जिसका देश भर के किसानों ने समर्थन किया है परंतु कांग्रेस पार्टी किसानों के बीच लगातार भ्रम फैलाने की कोशिश कर रही।
कहा कि कृषि कानून के माध्यम से किसानों को मंडियों की बाध्यता से मुक्त किया गया है।अब किसान अपनी फसल को अपने हिसाब से कही भी बेचने केलिये स्वतंत्र है।
कहा कि कांग्रेस पार्टी MSP पर भी जनता को गुमराह कर रही जबकि इस व्यवस्था में कोई बदलाव नही किया गया है।हाल ही में मोदी सरकार ने फसलों के MSP में वृद्धि की है।
कृषि कानून के माध्यम से बिचौलिया व्यवस्था को समाप्त किया गया है।
कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग के माध्यम से किसानों को केवल फसलों के अनुबंध का प्रावधान है उसका जमीन से कुछ भी लेना देना नही फिर भी कांग्रेस कृषि कानून पर किसान को भ्रमित कर रही।
श्री प्रकाश ने कहा कि कांग्रेस बताए कि झारखंड में उन्होंने किसानों केलिये क्या किया। किसानों के 2 लाख के ऋण माफी की घोषणा कब लागू होगी। किसानों केलिये भाजपा सरकार द्वारा चलाई जा रही कृषि आशीर्वाद योजना को क्यों बंद किया गया,किसानों के धान के बकाये कब मिलेंगे।
कहा कि जिस प्रकार से पूरे प्रदेश में किसानों ने यूरिया खाद बीज की कालाबाजारी हुई है उससे किसानों में निराशा व्याप्त है। किसान महंगे दाम पर खाद बीज खरीदने को मजबूर हुए हैं।