रांची: मोदी सरकार के दस सालों के दरम्यान दलित, आदिवासी, बहुजन, अल्पसंख्यक और महिलाओं को केन्द्र सरकार की नाइंसाफी का सामना करना पड़ा है. इन वर्षों में जातिगत भेदभाव और अत्याचार बढ़ा हैं. भाजपा नेता आरक्षण खत्म करने और संविधान को बदलने की धमकी दे रहे हैं. आज रांची लोकसभा प्रत्याशी संजय सेठ ने अपने कथन से यह साबित कर दिया है कि भाजपा चुनाव जनता के आशीर्वाद से नहीं ईवीएम के आशीर्वाद से जीतती रही है. उक्त बातें झारखंड कांग्रेस कमिटी के महासचिव सह मीडिया प्रभारी राकेश सिन्हा ने कही. उन्होंने संजय सेठ पर तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस देश की संपत्ति का सर्वे इसलिए करानी चाहती है ताकि देश की जनता को यह पता चल सके कि भाजपा ने अपने शासनकाल में देश की कितनी संपत्तियां बेची है. देश की जनता की गाढ़ी कमाई से कांग्रेस की सरकार ने जो सरकारी संपत्ति बनाई उसे कैसे अपने पूंजीपति मित्रों के हवाले कर दिया. देश की जनता कंगाल होते चली गई इसकी जानकारी देशवासियों को होना जरूरी है.

16 लाख करोड़ की कर्ज माफी क्यों

कांग्रेस इसलिए भी संपत्ति का सर्वे कराना चाहती है ताकि जनता जनता यह जान सके कि भाजपा के नेताओं ने कैसे अनैतिक तरीके से अथाह संपतियां अर्जित की है. 16 लाख करोड़ रुपये पूंजीपतियों का कर्ज माफ क्यों किया गया. इसका जवाब संजय सेठ को देना चाहिए. मोदी जी ने जितनी राशि अपने पूंजीपति मित्रों का माफ किया उससे दस करोड़ अन्नदाता किसान परिवार का कर्ज माफ किया जा सकता था. वहीं किसानों को आत्महत्या नहीं करनी पड़ती. भाजपा सांसद संजय सेठ को महंगाई और बेरोजगारी पर बात करनी चाहिए. इन दस सालों में प्रधानमंत्री ने देश को गर्त में पहुंचा दिया. सेठ यह बताएं कि अपने पांच साल के कार्यकाल में कभी भी सदन में महंगाई, बेरोजगारी, सरना धर्म कोड, ओबीसी को 27 प्रतिशत का आरक्षण की आवाज लोकसभा में क्यों नहीं उठाई. अगर इन मुद्दों को उन्होंने सदन में उठाया है तो राज्य की जनता के समक्ष प्रमाण देना चाहिए. सिर्फ झूठ बोलकर केन्द्र सरकार का भ्रष्टाचार को वह ढंक नहीं सकते. राज्य की जनता भाजपा और उसके नेता नरेंद्र मोदी के झूठ और समाज को बांटने की राजनीति को समझ चुकी है. वोट के माध्यम से चोट करने के लिए जनता तैयार बैठी है.

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