JoharLive Team
रांची । झारखंड प्रदेश कांग्रेस की ओर से गुरूवार को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि को शहादत दिवस के रूप में मनाया गया। मौके पर मोरहाबादी स्थित उनकी प्रतिमा के समक्ष प्रार्थना सभा व महात्मा गांधी के विचारों पर संगोष्ठी का भी आयोजन किया गया। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और मंत्री रामेश्वर उरांव सहित अन्य नेताओं ने महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित किया।
मौके पर रामेश्वर उरांव ने कहा कि महात्मा गांधी की काया नहीं है, लेकिन उनके विचार ऐसे हैं, जो अभी भी अमर हैं। गांधी एक राजनीतिज्ञ थे, जिन्होंने देश में स्वतंत्रता की लडाई आने वाली पीढ़ियों के लिए लड़ा। इनके संघर्ष का औजार सत्य और अहिंसा था। उन्होंने कहा कि सत्य को इन्होंने भगवान माना और अहिंसा इनका अस्त्र था। उनका प्रिय भजन वैष्णव जन को जिनका मतलब था। अच्छा इंसान वही होता है, जो दूसरे की पीड़ा को समझता हो। हमें गांधी का अनुयायी बनना है। उनके आदर्शों पर चलना है, तो वैष्णव जन बनना है। मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि आजादी की लड़ाई में जितनी आवश्यकता महात्मा गांधी की थी, उनके विचारों-आदर्शों की ज्यादा जरूरत आज महसूस होती है। भारत माता की कोख से सूफी, संत, महात्मा पैदा हुए हैं, जिन्होंने पूरी दुनिया को सत्य और अहिंसा का मार्ग दिखाया है। उनका यह वचन ईश्वर अल्ला तेरे नाम, सबको सनमती दे भगवान, महात्मा गांधी का यह संदेश आज भी अत्याधिक प्रासंगिक है। हमें बचपन से ही सर्वधर्म सम्भाव सिखाया गया है और इसी रास्ते से हम आगे बढ़ेंगे।
शिक्षाविद् प्रो वीपी शरण ने गांधी के विचारों पर व्याख्यान देते हुए कहा कि पहले बापू बने, फिर महात्म बने और फिर राष्ट्रपिता बने। उनका असहयोग आंदोलन चम्पारण से अंग्रेजों के खिलाफ अत्याचार का सबसे बड़ा आंदोलन बना था। नमक सत्याग्रह, सवज्ञा आंदोलन और 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन ने अंग्रेजो को बाहर का रास्ता दिखा दिया। गांधी के द्वारा चलाया गया आंदोलन काफी अनुशासित था और ब्रिटिश सरकार जो कि उस समय दुनिया का सबसे शक्तिशाली राष्ट्र उनके खिलाफ अहिंसा के ताकत लड़ना सदी के सबसे बड़ा आंदोलन का हथियार बना। कार्यक्रम को मंत्री बादल पत्रलेख, प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश ठाकुर, प्रवक्ता राजेश गुप्ता सहित अन्य नेताओं ने भी संबोधित किया।