रांची : लोकसभा चुनाव 2024 का शंखनाद हो चुका है. इसको लेकर राजनीतिक दलों में नेताओं की जोड़ तोड़ होनी जारी है. एक तरह से राजनीति में दलों का गठबंधन होना आम बात है. इसी तरह विपक्षी दलों द्वारा एकजुट होकर बनाये गए I.N.D.I.A. गठबंधन भी अच्छी सुर्खियां बटोर रहा है. हालांकि, I.N.D.I.A. गठबंधन राजनीतिक दलों का गठबंधन है जिसमें कांग्रेस, झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम), राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) और सीपीआई-एमएल शामिल हैं. यह गठबंधन आगामी लोकसभा चुनाव में सत्तारूढ़ भाजपा को कड़ी टक्कर देने के उद्देश्य से बनाया गया है लेकिन I.N.D.I.A अलायंस के भीतर सब कुछ पूरी तरह से ठीक नहीं है.
उम्मीदवार को लेकर असमंजस
हाल की घटनाओं ने आगामी लोकसभा चुनावों को लेकर चिंताएँ बढ़ा दी हैं, खासकर कोडरमा निर्वाचन क्षेत्र में. कोडरमा लोकसभा क्षेत्र से उम्मीदवार को लेकर गठबंधन में विवाद छिड़ गया है. पहले माना जा रहा था कि बगोदर के वर्तमान विधायक विनोद सिंह I.N.D.I.A एलायंस के आधिकारिक उम्मीदवार होंगे. झामुमो नेता जयप्रकाश वर्मा ने हाल ही में एक यूट्यूब साक्षात्कार में I.N.D.I.A एलायंस के लिए आधिकारिक उम्मीदवार होने का दावा करके विवाद खड़ा कर दिया है. हालाँकि, वर्मा के दावे को अन्य दलों ने आधिकारिक तौर पर स्वीकार नहीं किया है और उन्होंने कोडरमा निर्वाचन क्षेत्र के लिए अपने उम्मीदवार के संबंध में कोई घोषणा नहीं की है लेकिन जयप्रकाश वर्मा का बयान गठबंधन के भीतर भ्रम और अनिश्चितता पैदा कर सकता है.
विवाद को समय रहते सुलझाना होगा
इस विवाद को समय रहते सुलझाना होगा नहीं तो यह कोडरमा निर्वाचन क्षेत्र में I.N.D.I.A एलायंस की संभावनाओं के लिए हानिकारक साबित हो सकता है. I.N.D.I.A गठबंधन के सहयोगी दलों के बीच स्पष्टता और एकता की कमी इसकी स्थिति को कमजोर कर सकती है जिसका फायदा बीजेपी को मिल सकता है. बीजेपी इस मुद्दे को भुनाने में आगे रह सकती है और सीट जीतने की कोशिशें भी तेज कर सकती है.
विभाजित विपक्ष और स्पष्ट रणनीति की कमी
विभाजित विपक्ष और स्पष्ट रणनीति की कमी भाजपा के लिए चीजें आसान बना सकती है. यह न केवल I.N.D.I.A एलायंस के लिए बल्कि उन लोगों के लिए भी चिंता का विषय है जो बदलाव की उम्मीद कर रहे थे. इस विवाद को I.N.D.I.A अलायंस को सुलझाना होगा और जल्द से जल्द समाधान निकालना होगा. यह जितना लंबा खिंचेगा, न केवल कोडरमा में बल्कि अन्य विधानसभा क्षेत्रों में भी उनकी जीत की संभावनाओं को उतना ही अधिक नुकसान हो सकता है.
आपसी मतभेदों को दूर रखना होगा
यदि गठबंधन सहयोगी भाजपा को हराने का कोई मौका चाहते हैं, तो उन्हें अपने मतभेदों को दूर रखना होगा और एक सामान्य लक्ष्य की दिशा में काम करना होगा. यह विवाद भारत में राजनीतिक गठबंधनों की विश्वसनीयता और स्थिरता पर भी सवाल उठाता है. यदि ऐसे मुद्दे उठते रहे, तो इससे मतदाताओं में इन गठबंधनों और सामान्य तौर पर राजनीतिक दलों के प्रति अविश्वास की भावना पैदा हो सकती है. यह लोकतंत्र के लिए एक स्वस्थ संकेत नहीं है और हमारे देश के राजनीतिक परिदृश्य पर इसका दीर्घकालिक प्रभाव हो सकता है.
इस मुद्दे को जल्दी से हल करना होगा और एक मजबूत, एकीकृत रणनीति के साथ आना होगा. कोडरमा के लोग एक मजबूत और स्थिर सरकार के हकदार हैं, और यह I.N.D.I.A अलायंस पर निर्भर है कि वह अपने वादों को पूरा करे और एक राजनीतिक गठबंधन के रूप में अपनी जिम्मेदारी निभाए.
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