रवि
रांचीः झारखंड की ब्यूरोक्रेसी आरोपों और विवादों से जुदा नहीं है. 10 आईएएस भ्रष्टाचार की वैतरणी में फंस चुके हैं. इनके कारण सरकार की छवि भी खराब हुई. इसमें अपर मुख्य सचिव रैंक से लेकर डीसी रैंक तक के अफसर शामिल हैं. तीन अफसर जेल भी गए. वहीं एक अफसर पर यौन शोषण का भी आरोप लगा.
केके खंडेलवालः अपर मुख्य सचिव रैंक के अफसर केके खंडेलवाल जो अब रिटायर हो चुके हैं, उनके खिलाफ निगरानी अन्वेषण ब्यूरो बिहार, पटना में निगरानी जांच संख्या एएस 01/99 के तहत विभिन्न आरोप हैं. इस मामले में पुलिस अधीक्षक निगरानी ने अन्वेषण ब्यूरो पटना से 13 बार पत्राचार भी किया है.
अनिल कुमारः निलंबित आईएएस पूजा सिंघल, छवि रंजन के बाद पलामू के पूर्व बंदोबस्त पदाधिकारी आईएएस अनिल कुमार को जेल हुई. संचिका गायब करने के मामले अनिल कुमार ने साहिबगंज कोर्ट में आत्मसमर्पण किया जहां से उन्हें मंडल कारा में भेजा गया. अनिल कुमार नवंबर 2022 से फरार चल रहे थे.
सैयद अहमद रियाजः आईएएस सैयद अहमद रियाज पर यौन शोषण का आरोप लगा. उन्होंने एक इंटर्न का यौन उत्पीड़न किया. इस मामले में सैयद रियाज अहमद के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी.
मनोज कुमारः नगर निगम में जब मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी के पद पर थे, उस समय इनके विरुद्ध भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो झारखंड रांची में पीइ संख्या 17/15 अंकित थी. मनोज कुमार के विरुद्ध प्रशासनिक कार्रवाई के लिए उनके प्रशासी विभाग के प्रधान सचिव को ब्यूरो द्वारा 4 मई 2017 को ही लिखा गया.
के श्रीनिवासनः आईएएस के श्रीनिवासन पर कैबिनेट नोट छेड़छाड़ करने का आरोप लगा. इसके बाद उन्हें कारण बताओ नोटिस भी भेजा गया. झारखंड सरकार के नोटिस का के श्रीनिवासन ने जवाब नहीं दिया, जिसके बाद उन्हें पद से हटा दिया गया.
पूजा सिंघलः झारखंड कैडर की निलंबित आइएएस खूंटी जिले की उपायुक्त रहते 18 करोड़ रुपए का मनरेगा घोटाला किया. साहिबगंज में हुए अवैध पत्थर खनन में भी शामिल होने का आरोप है. फिलहाल पूजा सिंघल सलाखों के पीछे है.
राजीव अरूण एक्काः मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के पूर्व प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का 1994 बैच के आईएएस हैं. आरोप है कि नेताओं और नौकरशाहों के काले धन के निवेशक विशाल चौधरी से काफी घनिष्ठ संबंध है. बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने एक वीडियो शेयर किया था, जिसमें ये सरकारी फाइलें विशाल चौधरी के घर पर निपटाते देखे गए. ईडी छापेमारी कर चुकी है.
प्रदीप कुमारः 1991 बैच के आइएएस अधिकारी प्रदीप कुमार जेल की हवा खा चुके हैं. फिलहाल जमानत पर हैं और रिटायर हो चुके हैं. इन पर आरोप है कि स्वास्थ्य सचिव रहते हुए 130 करोड़ का दवा घोटाला किया. करीब पौने दो करोड़ रुपए के मनी लॉन्ड्रिंग का भी इन पर आरोप है.
छवि रंजनः आईएएस छवि रंजन जमीन घोटाले में फंसे हैं. आरोप है कि इन्होंने रांची के डीसी रहते हुए करम टोली में सेना की 4.55 एकड़ जमीन को गलत तरीके से बेच दिया. कई जमीनों की रजिस्ट्री, उसके म्यूटेशन भी गलत तरीके से कराने का आरोप है. फिलहाल छवि रंजन सलाखों के पीछे हैं.
विनय चौबेः सीएम के सचिव विनय चौबे 1999 बैच के अफसर हैं. विनय चौबे से शराब घोटाले के मामले में रायपुर में पूछताछ हो चुकी है. ईडी ने झारखंड के उत्पाद सचिव और बेवरेज कॉरपोरेशन के एमडी विनय चौबे को बुलाया था. झारखंड की नई शराब नीति के लिए छत्तीसगढ़ मॉडल को अपनाया गया था. जिसमें सीएसएमसीएल को परामर्श नियुक्त किया गया था. कारोबार करने की वजह से झारखंड सरकार को भारी राजस्व घाटा हुआ.
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