Joharlive Team
रांची। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव सह पूर्व सांसद भुवनेश्वर प्रसाद मेहता पतरातू यूनियन कार्यालय में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि पतरातू के 25 गांव के विस्थापित लगातार आंदोलन पर हैं। जिसे भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी समर्थन करती है। उन्होंने कहा की सरकार को पहल करनी चाहिए जब लगातार आंदोलन कर 25 गांव के लोग नौकरी और मुआवजा की मांग कर रहे हैं ,तो फिर सरकार अनदेखी कर रही है । एनटीपीसी का यह तर्क कि हमने सरकार से जमीन खरीदी है, तो सरकार को ही पहल करनी चाहिए, कि भूमि अधिग्रहण कानून 2013 के तहत लोगों की नौकरी और मुआवजा मिले और जब इस क्षेत्र के लोग विस्थापित प्रभावित लोगों को ही फायदा नहीं मिलेगा,तो यहां पर जिसकी जमीन चली गई ,उसको ही कोई फायदा नहीं मिलेगा तो केवल दूसरे को लाभ पहुंचाने के लिए एनटीपीसी बनता है तो वैसा एनटीपीसी ना बने तो ही अच्छा है। इसीलिए भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी विस्थापितों के आंदोलन के साथ है। और भाकपा समर्थन करती है । जिस तरह से शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे विस्थापितों पर पुलिस ने लाठी चलाई है, जिला का एसपी और डीसी ऐसे लोगों पर कार्रवाई करे शांतिपूर्ण ढंग से कोई भी आंदोलन चलाता है तो लोकतंत्र में उसके अधिकार है। उसके अधिकार पर हमला न करें , ऐसे देश के अंदर लोकतंत्र खतरे में हैं, संविधान खतरे में है, तानाशाही बढ़ा हुआ है जहां भी किसानों के नौकरी और मुआवजा को लेकर आंदोलन चल रहा है ।वहां पुलिस के द्वारा लाठीचार्ज, गोलीबारी किसानों की हत्या आम बात हो गई है । जब से भारतीय जनता पार्टी की सरकार गद्दी में आई है , तब से किसानों पर कहर बरपा रही है, लाठी गोली के बल पर किसानों की जमीन हड़प रही है, तो जिस तरह से कृषि क्षेत्र में या श्रम कानून में संशोधन कर किसानों मजदूरों पर शिकंजा कसने के लिए सरकार कई नियमों कानून को बदल रही है, इसलिए भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी झारखंड की हेमंत सरकार से अपील करती है कि 25 गांव के विस्थापितों को नौकरी और मुआवजा भूमि अधिग्रहण कानून 2013 के तहत दिलाएं ।
जरूरत पड़ा तो भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी इन विस्थापितों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर आंदोलन में साथ देगी। और आन्दोलन चलायगी, प्रेस वार्ता में सहायक राज्य सचिव महेन्द्र पाठक, छात्र नेता लोकेश आनंद, युवा नेता हेमंत कुमार ,कलीम अंसारी पप्पू कुमार , सीमा राय ,चँद्र चुड राय, कलीम अंसारी आदि कई लोग उपस्थित थे।