संथाल परगना की बदलती डेमोग्राफी पर आयोग सदस्य डॉ आशा बोली-स्थिति हो जाएगी भयावह
रांची: राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग की सदस्य डॉ. आशा लकड़ा ने संथाल परगना प्रमंडल की तेजी से बदलती डेमोग्राफी पर चिंता जताई. उन्होंने इस मामले में सरकार का भी ध्यान आकृष्ट कराया है. जिसमें कहा है कि स्थिति अभी नहीं सुधरी तो आने वाले समय में और भयावह हो जाएगी. उन्होंने कहा कि बांग्लादेशी मुसलमान वहां कि आदिवासी युवतियों से शादी कर उनकी जमीन हड़प रहे हैं. स्थिति इतनी भयावह हो गई है कि बांग्लादेशी मुसलमानों के करण वहां के आदिवासी समुदाय के लोग उनके खिलाफ न तो कुछ बोल पा रहे हैं और न ही उनके खिलाफ थाना में एसटी केस दर्ज करा पा रहे हैं. उन्होंने कहा कि मैं आपके समक्ष कुछ उदाहरण प्रस्तुत कर रही हूं, जिससे स्पष्ट हो जाएगा कि बांग्लादेशी मुसलमान कैसे संथाल परगना की भोली-भाली आदिवासी युवतियों से शादी कर डेमोग्राफी को चेंज कर रहे हैं.
ये है कुछ मामले
साहेबगंज के बरहेट प्रखंड स्थित कदमा पंचायत के संथाली उत्तर की मुखिया सोनाली हांसदा है, और उनके पति का नाम मोहम्मद आजाद है.
कदमा पंचायत की मुखिया एंजेलना हांसदा हैं और उनके पति का नाम जैनुल शेख है.
गोपालडीह पंचायत की मुखिया सुनीता टुडू हैं और उनके पति का नाम समनु शेख है.
उदवा प्रखंड स्थित दक्षिण बेगमगंज पंचायत की मुखिया ललिता टुडू हैं और उनके पति का नाम उस्मान शेख है.
राजमहल प्रखंड स्थित लखीपुर पंचायत की मुखिया सुहागिनी सोरेन हैं और उनके पति का नाम सनाउल शेख है.
बरहरवा प्रखंड स्थित सालगाड़ी पंचायत की मुखिया मार्था मालतो हैं और उनके पति का नाम मोहम्मद रहमान विश्वास है.
मधुवापाड़ा पंचायत की मुखिया मरंगबिरि हांसदा हैं और उनके पति का नाम समीरुल इस्लाम है.
म्यूरकोला पंचायत की मुखिया सोना किस्कू हैं और उनके पति का नाम वकील अंसारी है.
बरहेट प्रखंड स्थित फुलभंग की पंचायत सदस्य सुनीता हांसदा हैं और उनके पति भी मुसलमान हैं.
साहेबगंज की जिला अध्यक्ष मोनिका किस्कू हैं और उनके पति का नाम एजाज शेख है, जिनकी मृत्यु हो चुकी है.
सरकार को दिया सुझाव
मैं आपको बताना चाहूंगी कि बांग्लादेशी मुसलमानों के कारण संथाल परगना में 25 से 30 प्रतिशत डेमोग्राफी चेंज हो चुका है. हालात ऐसे ही रहे तो वहां भी बंगाल जैसी स्थिति उत्पन्न हो जाएगी
गोड्डा के तीन गांव है वहां केंद्र सरकार की किसी भी योजना को लेकर आदिवासी समुदाय के किसी भी परिवार का कार्ड नहीं बना है.
साहेबगंज के मंडरो, देवदान, झिल्ली पहाड़िया, एता घाटी, बरहेट, संथाली उत्तर व दक्षिण, उधवा में डेमोग्राफी चेंज है.
गुमला जिले के चैनपुर प्रखंड स्थित भीखमपुर में भी कई बांग्लादेशी मुसलमानों ने आदिवासी समाज की युवतियों से शादी कर उनके नाम से जमीन खरीदा है. यह चिंता का विषय है.
गोड्डा में पिछले सात माह से एसटी का एक भी केस दर्ज नहीं हुआ है. मैने वहां के डीसी व एसपी को आयोग की ओर से निर्देश दिया है कि हर थाना में एसटी केस दर्ज करने की व्यवस्था और संबंधित एसटी केस को जिले में हस्तांतरित करने की व्यवस्था करें.
संथाल परगना प्रमंडल के साहेबगंज, राजमहल, उधवा, मुंडरो, बोरयो, तालझरी, पतना, बरहेट और बरहरवा एसटी बहुल क्षेत्र हैं, वहां की स्थित बहुत खराब है .
बरहेट प्रखंड के संथाली उत्तर व दक्षिण पंचायत सेंसेटिव क्षेत्र हैं. वहां की डेमोग्राफी चेंज है. नोटरी के एफिडेविट व दानपत्र के माध्यम से आदिवासी समुदाय के लोगों की जमीन बेची जा रही है.
बोरयो प्रखंड में बांग्लादेशी मुसलमान आदिवासी समाज के लोगों को कर्ज के रूप में पांच हजार रुपये दिए जा रहे हैं और कागजात 50 हजार रुपये के बनाए गए हैं. कर्ज ली गई राशि नहीं चुका पाने पर वे दबाव डालकर आदिवासी समाज की युवतियों से शादी कर ली हैं.
साहेबगंज,मंडरो प्रखंड स्थित राजस्व गांव तेतरिया के दाग नंबर-399, रकबा-5.92 डिसमिल, खतियान- जहेरस्थान(देवस्थान) की जमाबंदी वहां के अंचल अधिकारी ने की है जिसपर सरकार के माध्यम से कब्रिस्तान बनाने के लिए 28 लाख रुपए स्वीकृत दी थी, जिसे आयोग ने उपायुक्त साहेबगंज को योजना को रोकने का निर्देश दी है.
तेतरिया में गौचर स्थान (भुइहरी) की जमीन सीएनटी एक्ट के तहत आता है, जिसे बेच नहीं जा सकता, वहां आज मस्जिद बन चुका है. आदिवासी समाज के लोग गौचर स्थान की जमीन पर नाच-गान, शादी-विवाह आदि का आयोजन करते हैं.
संथाल परगना प्रमंडल में आदिवासी बहुल क्षेत्र में बुनियादी सुविधाओं का भी अभाव है.
गोड्डा के बुआरीजोरी पंचायत में लगभग 19 राजस्व गांव हैं. मोर्चा, मुचरा व सामू गांव में पीने का पानी, सड़क समेत अन्य सुविधाएं नहीं हैं. मुचरा गांव में पानी में रासायनिक केमिकल है, जिसकी जांच अब तक नहीं कराई गई है. इस गांव के छोटे-छोटे बच्चे भी बुजुर्ग की तरह दिखते हैं. संथाल परगना क्षेत्र में सबसे अधिक मृत्यु दर भी इसी गांव में है, लेकिन प्रशासन के पास इसका कोई आंकड़ा उपलब्ध नहीं है.
सुंदर पहाड़ी पंचायत मानव तस्करी का गढ़ बन चुका है. इस क्षेत्र में पहाड़िया समाज के लोग रहते हैं. जोलो पहाड़ से पिछले 12 वर्षों से सुंदर पहाड़िया की बेटी गांधी गायब है. जयकिशुन पहाड़िया की बेटी सनिता पहाड़िया 12 वर्षों से गायब है. वह कहां गई, इसकी जानकारी भी अब तक नहीं मिल पाई है. मैने वहां के एसपी को निर्देश दिया है कि रेलवे स्टेशन व बस स्टैंड पर ऐसी व्यवस्था करें कि काम की तलाश में बाहर जाने वालों की पूरी जानकारी मिल सके. पंचायत क्षेत्र से पलायन करने वालों का स्पष्ट आंकड़ा हो.
सुंदर पहाड़ी स्थित चांदना पंचायत स्थित सुसनी गांव में 25 किलोमीटर की दूरी तक सड़क नहीं है. डमरू हाट में 20 किलोमीटर तक सड़क नहीं है. डांगा पाडा में 30 किलोमीटर तक सड़क नहीं है. सिंदरी पंचायत स्थित जोलो पहाड़ में पहाड़िया समाज के लोग तीन किलोमीटर दूर जाकर झरना से पानी लाते हैं. कैसोना पंचायत स्थित तिलमिट्टी गांव तक सड़क भी नहीं है.
संथाल परगना क्षेत्र के कई प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों का अभाव है. विद्यालय में जो शिक्षक कार्यरत हैं वे साल में मात्र दो बार 15 अगस्त व 26 जनवरी को ही जाते हैं.
पोड़ैयाहाट में हेवी ब्लास्ट से आदिवासी समाज के लोग परेशान हैं. यहां ईसीएल की ओर से माइनिंग की जा रही है. हेवी ब्लास्ट से आदिवासी समाज के लोग भयभीत हैं कि कहीं उनके घर में दरार न आ जाए.
कई स्कूलों में छात्रावास की सुविधा नहीं है. जिन स्कूलों में छात्रावास की सुविधा है वहां क्षमता से तीन-चार गुना अधिक छात्रों को रखा जा रहा है.
संथाल परगना प्रमंडल के गावों में जाहेरथान व धुमकुड़िया नहीं है.
विद्यालयों में खेल का मैदान नहीं है.
पिछले 10 वर्षों से कार्यरत एसटी आंगनबाड़ी पर्यवेक्षिकाओं को अब तक प्रमोशन नहीं मिला है.
पुलिस विभाग में 10 वर्षों से कार्यरत एसटी कर्मियों को भी अब तक प्रमोशन नहीं मिला है.
संथाल परगना क्षेत्र जमीन विवाद व लव जेहाद के कई मामले सामने आ चुके हैं. पूर्व में घटित रुबिका पहाड़िया हत्याकांड भी इसी का परिणाम है. रुबिका पहाड़िया के शव को कई टुकड़ों में काटकर फेंक दिया गया था.
संथाल परगना प्रमंडल में रोटी-माटी व बेटी का सवाल है. जामताड़ा में मुखिया चुनी गईं आदिवासी युवतियों से बांग्लादेशी मुसलमान शादी कर चुके हैं.