हजारीबाग: हजारीबाग जिले में कोयला कारोबार एक बार फिर सुर्खियों में है. प्रशासन की सख्ती के बाद अवैध कोयले के कारोबार में कमी आई थी, लेकिन हाल ही में चरही थाना क्षेत्र से प्रतिदिन कई अवैध कोयला गाड़ियों के निकलने की खबरें आ रही हैं. इस मामले में चंदन और ऋषि नामक दो लोगों पर आरोप लग रहे हैं कि वे इन गाड़ियों से मोटा रुपया वसूल रहे हैं और कोयले का यह काला कारोबार फल-फूल रहा है. चंदन और ऋषि का नाम अब कोयला वसूली के संदर्भ में सामने आया है. बताया जा रहा है कि ये दोनों कोयले की गाड़ियों से पैसे की वसूली कर रहे हैं और इसे ऊपर तक पहुंचा रहे हैं. ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिर ये लोग किसके इशारे पर यह कारोबार चला रहे हैं और किसके सह पर यह अवैध गतिविधि संचालित हो रही है.
पुलिस की भूमिका पर सवाल
चरही थाना क्षेत्र से अवैध कोयला निकासी की सूचना के बावजूद हजारीबाग पुलिस की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं. क्या यह वही चंदन है जिसका नाम पूर्व पुलिस अधीक्षक के कार्यकाल के दौरान भी आया था? यदि चरही थाना क्षेत्र से कोयला निकल रहा है, तो हजारीबाग जिले की पुलिस की क्या जिम्मेदारी बनती है? खुफिया तंत्र और स्थानीय पुलिस की सतर्कता की कमी क्यों है?
गाड़ियों की अवैध निकासी की वजह से हजारीबाग के कई थाना क्षेत्रों जैसे मुफस्सिल, कोर्रा, इचाक, पदमा, बरही और चौपारण से होते हुए कोयला बाहर कैसे पहुंच रहा है? सवाल यह भी उठता है कि क्या इस खेल में किसी बड़े अधिकारी या राजनेता का हाथ है? पुलिस की कार्यप्रणाली में चूक का आरोप किसके ऊपर है? क्या वसूली के पैसों का चढ़ावा थानों तक पहुंच रहा है, जिससे पुलिस की आंखें बंद हो गई हैं?