Joharlive Team
रांची। झारखंड में बालू घाटों की नीलामी की प्रक्रिया इस साल अप्रैल के प्रथम सप्ताह में पूरी कर ली जाएगी। सदन में मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा के बार-बार सवाल उठाने पर सीएम ने इस बात की जानकारी दी। उन्होंने भाजपा पर ही सवाल खड़े करते हुए कि बालू लूट की प्रक्रिया कब से चल रही थी और अब कैसे घट रही है यह बताने की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि बीजेपी के लोग सिर्फ इस कोशिश में लगे रहते हैं कि कैसे सरकार बनाई जाए. यह पार्टी हमेशा चुनावी मोड में रहती है. उनके ऐसा कहने पर भाजपा विधायक सीपी सिंह ने आपत्ति भी जताई. इस पर स्पीकर ने कहा कि सीपी सिंह भी रणधीर सिंह से कम नहीं हैं.
दरअसल, बालू घाट की अवैध ढुलाई और पुलिस की ज्यादती का मामला सदन में बार-बार उठ रहा था. विधायक बाबूलाल मरांडी बार-बार हाथ उठाकर अपनी बात रखना चाह रहे थे. स्पीकर की तरफ से उन्हें अनुमति नहीं मिलने पर भाजपा विधायक बेहद आक्रोशित थे. इसको लेकर भाजपा विधायकों ने काफी देर तक वेल में हंगामा भी किया. जिसके बाद स्पीकर ने बाबूलाल मरांडी को बोलने की अनुमति दी. स्पीकर ने कहा कि ऐसा नहीं है कि बाबूलाल मरांडी को जानबूझकर बोलने नहीं दिया जा रहा है. उनकी नजर उनपर नहीं पड़ी थी.
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि यह मामला पूरे प्रदेश से जुड़ा हुआ है. झारखंड में तकरीबन 25 बालू घाट की नीलामी हुई है. जब लोग पीएम आवास योजना के तहत घर बनाने के लिए बालू ले जाते हैं तो उन्हें भी पुलिस पकड़ती है. उन्होंने कहा कि गांवा के पास सकरी नदी से ट्रक के जरिए बालू को बिहार भेजा जाता है. विरोध करने पर लोगों को ही थाने में परेशान किया जाता है. जबतक सभी बालू घाट के नीलामी नहीं होती है तब तक सभी बार्डर पर चेक पोस्ट लगाना जरुरी है.
इसके बाद भाजपा विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा ने भी व्यवस्था के तहत सवाल उठाया कि बालू घाट को लूटने की छूट आखिर किसने दी है. यह आरोप सरकार पर लग रहा है. चुकी सदन में सीएम बैठे हैं, इसलिए उन्हें इस पर जवाब देना चाहिए. इस पर प्रदीप यादव ने कहा कि कार्य संचालन नियमावली में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि हर सवाल का जवाब मुख्यमंत्री दें. हालांकि इन सवालों का जवाब प्रभारी मंत्री बादल पत्रलेख ने दिया लेकिन भाजपा विधायकों के अड़े रहने पर सीएम हेमंत सोरेन ने बालू घाट पर सरकार की मंशा जाहिर की.