रांची: लोकसभा चुनाव खत्म होते ही झारखंड के सीएम चंपई सोरेन एक्टिव हो गये हैं. सीएम मंगलवार को प्रोजेक्ट भवन में मैराथन बैठक करेंगे. पहली पाली में सुबह 11 बजे से वे पुलिस अफसरों के साथ बैठक कर कानून-व्यवस्था की समीक्षा करेंगे. वहीं दूसरी पाली में सभी विभागों की विकास योजनाओं की समीक्षा होगी. विभागों को तीन स्लाइड में योजनाओं की विवरणी प्लानिंग एंड डेवलपमेंट डिपार्टमेंट को उपलब्ध कराने को कहा गया है.
पहली पाली में राज्य के कानून व्यवस्था की समीक्षा
पुलिस अफसरों के साथ बैठक में वारंट के कार्यान्वयन, जांच का स्टेट्स रिपोर्ट, क्राइम कंट्रोल, पॉक्सो एक्ट से जुड़े मामलों की स्थिति, सर्टिफिकेट केस का स्टे्टस रिपोर्ट, अवैध खनन, अवैध मादक पदार्थ और शराब की तस्करी का स्टेट्स रिपोर्ट, पुलिस के इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े मसले, लॉ एंड ऑर्डर से जुड़े मामले, विधि व्यवस्था से जुड़े वन और भू-राजस्व के मामलों के अलावा जेपीएससी और जेएसएससी की परीक्षा के आयोजन से जुड़े विधि व्यवस्था के मामलों की समीक्षा होगी.
अबुआ आवास और 15वें वित्त आयोग के मामलों पर होगी चर्चा
दूसरी पाली में सबसे पहले ग्रामीण विकास विभाग के तहत अबुआ आवास योजना, पोटो हो खेल विकास योजना, बिरसा सिंचाई कूप संवर्धन योजना, मनरेगा, जेएसएलपीएस, प्रधानमंत्री आवास योजना और बिरसा हरित ग्राम योजना की समीक्षा करेंगे. इसके बाद पंचायती राज विभाग के तहत पंचायत सचिवालय और 15वें वित्त आयोग से जुड़े मसलों की समीक्षा होगी.
कल्याण और शिक्षा विभाग के मामलों को भी देखेंगे
मुख्यमंत्री एसटी-एससी, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के तहत मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना, छात्रवृत्ति, छात्रावासों के निर्माण और जीर्णोद्धार से जुड़ी योजना, आवासीय विद्यालय, साइकिल वितरण योजना, धार्मिक स्थलों की घेराबंदी योजना और वनाधिकार पट्टा के स्टेट्स की समीक्षा करेंगे. इसके बाद महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग से जुड़ी पेंशन वितरण, सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना और आंगनबाड़ी भवनों के निर्माण से जुड़ी योजनाओं की समीक्षा करेंगे.
25 करोड़ राशि के निर्माण से जुड़ी योजनाओं की होगी समीक्षा
चंपई स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग, स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग, परिवहन विभाग के तहत मुख्यमंत्री ग्राम गाड़ी योजना, श्रम नियोजन प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग, उच्च एवं तकनीकि शिक्षा विभाग की योजनाओं के साथ-साथ दूसरे विभागों की 25 करोड़ से अधिक राशि के निर्माण से जुड़ी योजनाओं और भूमि अधिग्रहण से जुड़े मामलों की भी समीक्षा करेंगे.