रांची: झारखंड के 22 जिलों के 154 प्रखंडों में सुखाड़ की स्थिति है। राज्य सरकार के कृषि निदेशालय ने वर्ष 2022 खरीफ मौसम में राज्य में अल्पवृष्टि से उत्पन्न सुखाड़ की स्थिति के संदर्भ में रिपोर्ट तैयार की है। यह रिपोर्ट कृषि विभाग के सचिव को भेजी गयी है। रिपोर्ट की शनिवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन समीक्षा करेंगे। कृषि विभाग तथा आपदा प्रबंधन विभाग के साथ बैठक करेंगे।
किसानों को राहत देने और राज्य को वित्तीय सहयोग देने की मांग के साथ केंद्र को रिपोर्ट भेजी जायेगी। रिपोर्ट मिलने के बाद भारत सरकार की एक टीम झारखंड आएगी और सुखाड़ प्रभावित कुछ जिलों, प्रखंडों और गांवों का निरीक्षण करेगी। टीम लौटकर अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार को देगी। फिर सुखाड़ की घोषणा के बाद आगे की होगी कार्रवाई होगी।
कृषि निदेशालय ने कृषि विभाग को भेजी रिपोर्ट में कहा है कि सुखाड़ की स्थिति के संदर्भ में आपदा सचिव की ओर से आहूत बैठक में निर्देश दिया गया था। इसके आलोक में 15 अगस्त 22, 31 अगस्त 22, 15 सितंबर 22 एवं 30 सितंबर 22 की तिथि में सुखाड़ मैनुअल (संशोधित) के प्रावधानों के अनुसार विभिन्न सूखा प्रभावित सूचकांक के अनुसार रिपोर्ट भेजी गयी है। सुखाड़ की घोषणा के लिए सूखा प्रभावित सूचकांक की गणना 15 अगस्त 22 की रिपोर्ट के आधार पर की गई है।
किन जिलों व प्रखंडों में गंभीर सूखे का प्रभाव
बोकारो- 6 प्रखंडों में मध्यम स्थिति
चतरा- तीन प्रखंड में सामान्य, दो प्रखंडों में गंभीर स्थिति
देवघर- 10 प्रखंडों में गंभीर स्थिति
धनबाद- 10 प्रखंडों में गंभीर स्थिति
दुमका- 10 प्रखंडों में गंभीर स्थिति
गढ़वा- 20 प्रखंडों में गंभीर स्थिति
गिरिडीह- 13 प्रखंडों में गंभीर स्थिति
गोड्डा- 09 प्रखंडों में गंभीर स्थिति
गुमला- घाघरा-रायडीह में गंभीर स्थिति
हजारीबाग- 13 प्रखंडों में गंभीर स्थिति
जामताड़ा- छह प्रखंडों में गंभीर
खूंटी- 6 प्रखंडों में गंभीर स्थिति
कोडरमा- 5 प्रखंडों में गंभीर स्थिति
लातेहार- 7 प्रखंडों की गंभीर स्थिति
पाकुड- 6 प्रखंडों की गंभीर स्थिति
पलामू- 21 प्रखंडों की गंभीर स्थिति
रांची- चान्हो और सोनाहातू में गंभीर
साहिबगंज- 9 प्रखंडों में गंभीर स्थिति
प सिंहभूम- चाईबासा, खूंटपानी और आनंदपुर में गंभीर स्थिति