रांची: सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि अक्षय ऊर्जा राष्ट्र का भविष्य है। अक्षय ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने नीतिगत पहल की है। राज्य की सौर ऊर्जा नीति-2022 लांच करते हुए उन्होंने कहा कि इसमें कई महत्वपूर्ण प्रावधान किए गए हैं।
जिसमें निवेशकों को प्रोत्साहन, सिंगल विंडो सिस्टम, पेमेंट सिक्योरिटी मेकैनिज्म, छूट और सब्सिडियरी सहित कई सुविधा उपलब्ध करायी गई है।
सीएम ने किसान सोलर वाटर पंप सेट योजना हेतु कुसुम वेब पोर्टल, धनबाद एवं दुमका में 600 केवी के सोलर प्लांट एवं गिरिडीह सोलर सिटी योजना के तहत घरेलू उपभोक्ताओं के लिए ग्रिड कनेक्टेड रूफटॉप पावर प्लांट परियोजना का ऑनलाइन उद्घाटन भी किया। इस अवसर पर सौर ऊर्जा नीति-2022 पुस्तिका का लोकार्पण भी मुख्यमंत्री ने किया।
उन्होंने कहा कि भौगोलिक दृष्टिकोण से झारखंड एक ऐसा राज्य है जहां पहाड़, नदी-नाले, घने जंगल सहित कई दुर्गम क्षेत्र हैं। ऐसे जगहों पर ट्रांसमिशन के माध्यम से बिजली पहुंचाना काफी चुनौतीपूर्ण कार्य है।
इन सभी जगहों पर संचरण लाइन के कनेक्टिविटी में कठिनाइयां और बाधाएं उत्पन्न होती हैं जिससे आमजनों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। ऐसे जगहों पर सौर ऊर्जा के माध्यम से घर-घर तक बिजली पहुंचाना राज्य सरकार की प्राथमिकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज इसकी शुरुआत गिरिडीह से हो रही है। उन्होंने कहा कि जहां पारंपरिक बिजली स्रोतों से बिजली की कीमत प्रति यूनिट 5 रुपए से अधिक है वहीं सौर ऊर्जा से उत्पादन की गई ऊर्जा की कीमत 2 से 3 रुपया यूनिट ही होता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड में कई ऐसे जिले हैं जहां पर 30 से 40 मेगावाट की बिजली की खपत होती है। इन जिलों में 400 से 500 एकड़ भूमि पर सौर ऊर्जा के माध्यम से पर्याप्त बिजली उत्पादन किया जा सकता है।
निवेशकों के लिए है अनुकूल माहौल
उन्होंने कहा कि राज्य में निवेशकों के लिए अनुकूल माहौल तैयार किया गया है। सौर ऊर्जा के क्षेत्र में राज्य सरकार के साथ समन्वय स्थापित कर काम करने वाले निवेशकों को हमारी सरकार पूरा सहयोग प्रदान कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार निवेशकों का तहे दिल से स्वागत करती है।