रांची : मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने नशा मुक्त अभियान के लिए झारखंड मंत्रालय से 6 जागरूकता रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. इस मौके पर सीएम ने कहा कि झारखंड को नशा मुक्त प्रदेश बनाना है तो इसमें हर किसी को अपनी सहभागिता निभानी होगी. सभी के प्रयासों से ही मादक पदार्थों पर रोकथाम संभव है. कहा कि नशे पर नियंत्रण की दिशा में जागरूकता रथ को रवाना किया जाना एक महत्वपूर्ण पहल है. इससे नशे के दुष्प्रभाव के प्रति लोगों को जागरूक करने में मदद मिलेगी. लोग यह समझ सकेंगे की नशे की वजह से उनका कितना नुकसान हो रहा है और इससे कैसे बचा जा सकता है. इस मौके पर कार्यक्रम में मौजूद सभी लोगों ने नशा मुक्त झारखंड अभियान के तहत एकजुट होकर स्वयं, परिवार और समाज को नशा से दूर रहने की शपथ ली. मुख्यमंत्री ने जिन 6 जागरूकता रथ को रवाना किया है उनमें से 4 रथ रांची और एक-एक रामगढ़ और खूंटी जिले में घूमेंगें

हर किसी को नशे से दूर रहना होगा

मुख्यमंत्री ने कहा कि बेहतर समाज और बेहतर राज्य बनाने के लिए नशा पर नियंत्रण बहुत जरूरी है. शहर हो या गांव, हर किसी को नशे से दूर रहना होगा. जो नशा को बढ़ावा दे उसे भी रोकने के लिए हम सभी को आगे आना होगा. हर किसी के सहयोग से हम अपने इस अभियान में निश्चित तौर पर सफल होंगे. अगर अगर हम आज नशा पर नियंत्रण नहीं कर पाएंगे तो आगे और भी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा. इसलिए हर तरह के नशे की प्रवृत्ति को रोकने की जरूरत है.

नशे से समाज में फैल रही कई विकृतियां

मुख्यमंत्री ने कहा कि कि नशे की वजह से समाज में तरह-तरह की विकृतियां फैलती है. इससे युवाओं में अपराध की प्रवृत्ति बढ़ती है . परिवार में अलगाव की स्थिति पैदा होती . आपसी संबंधों में दरार आने लगता है. समाज गलत दिशा में आगे बढ़ने लगता है. सबसे बड़ी बात कि नशा का सेवन करने वालों के स्वास्थ्य पर इसका काफी नकारात्मक असर पड़ता है. शारीरिक और मानसिक बीमारियां उसे गिरफ्त में लेने लगती है. यह उस व्यक्ति के साथ उसके परिवार  समाज और राज्य के लिए भी स्वस्थ नहीं है. ऐसे में युवाओं को नशा से दूर रहना होगा.

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