रांची : गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में आयोजित वामपंथ उग्रवाद की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन शामिल हुए. मुख्यमंत्री ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि नक्सल विरोधी अभियान में राज्य व केंद्र सरकार के बीच बेहतर समन्वय हमेशा बना रहेगा. उम्मीद है कि हम मिलकर उग्रवाद के खिलाफ चल रही लड़ाई जीतेंगे.
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र तथा राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से जनवरी 2022 से अगस्त 2023 तक कुल 762 नक्सलियों को गिरफ्तार किया किया गया है. इनमें स्पेशल एरिया कमेटी के 3 सदस्य, रिजनल कमेटी के 1 सदस्य, 10 जोनल कमांडर, 16 सब जोनल कमांडर और 25 एरिया कमांडर शामिल हैं. इसके अलावा 20 नक्सली पुलिस मुठभेड़ में मारे गए हैं जिनमें स्पेशल एरिया कमेटी का दो, 4 सब जोनल कमांडर और एक एरिया कमांडर शामिल है. इसके अलावा 1160 आईडी और 76 हथियार भी बरामद किए गए हैं. इस अवधि में 37 नक्सलियों में पुलिस के समक्ष समर्पण किया है जिनमें स्पेशल एरिया कमेटी का एक, रीजनल कमेटी का तीन, 4 जोनल कमांडर, 9 सब जोनल कमांडर और 10 एरिया कमांडर शामिल है.
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नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सामुदायिक पुलिसिंग कार्यक्रम के तहत दुर्गम क्षेत्रों के ग्रामीणों के साथ संवाद स्थापित कर उनका विश्वास जीतने का प्रयास किया जा रहा है. Psy- Ops के तहत वामपंथी उग्रवादियों के असली चेहरे को जनता के समक्ष उजागर किया जा रहा है. उग्रवादी संगठनों के विरूद्ध चलाये जा रहे इस बहुआयामी अभियान में झारखण्ड राज्य को अप्रत्याशित सफलता मिली है. नक्सली संगठनों के प्रभाव क्षेत्र में लगातार कमी हो रही है एवं अब उनका दायरा राज्य के कुछेक क्षेत्रों में सिमट कर रह गया है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि नक्सल विरोधी अभियान में समय-समय पर हेलीकॉप्टर का भी प्रयोग किया जाता है, जिसके खर्च का वहन SRE मद से किया जाता था. गृह मंत्रालय द्वारा 2018-2022 तक की अवधि के खर्च की प्रतिपूर्ति में आपत्ति दर्ज की गयी है. अनुरोध होगा कि इस राशि का भुगतान SRE मद से किया जाय तथा गृह मंत्रालय, भारत सरकार की अधिकार प्राप्त समिति से पूर्व अनुमोदन की अनिवार्यता को समाप्त किया जाय .
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नक्सल प्रभावित जिलों में connectivity का सुधार करना भी आवश्यक है. इसके लिए भारत सरकार द्वारा सड़कों के निर्माण के लिए RRP तथा RCPLWEA नामक योजनाएँ चालू की गयी हैं. इसके तहत् स्वीकृत योजनाओं को ससमय पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है. नक्सल प्रभावित चाईबासा जिला में DMFT की राशि से बड़ी संख्या में सड़क निर्माण की कार्य योजना तैयार की जा रही है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में प्रथम चरण में 816 अधिष्ठापित मोबाईल टावर के 4G upgradation का कार्य BSNL द्वारा किया जा रहा है. प्राप्त जानकारी के अनुसार TCS से equipment प्राप्त नहीं होने के कारण यह कार्य अवरूद्ध है . द्वितीय चरण में 1184 स्थानों के विरूद्ध राज्य सरकार ने 1173 स्थानों पर भूमि उपलब्ध करा दी है. शेष 11 स्थानों पर भी शीघ्र भूमि उपलब्ध करा दी जायेगी. टावर निर्माण का कार्य BSNL द्वारा किया जा रहा है.
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कहा कि राज्य सरकार के द्वारा केन्द्रीय एजेन्सियों यथा- NIA एवं NCB के साथ समन्वय बनाकर नक्सली संगठनों के आय के स्रोत पर रोक लगाने के लिए लगातार प्रभावी ढंग से कार्रवाई की जा रही है. राज्य पुलिस के द्वारा कुल 28 नक्सली नेताओं की चल-अचल सम्पत्ति को जप्त किया गया है.मुख्यमंत्री ने कहा कि अवैध मादक पदार्थ यथा – अफीम की खेती / तस्करी की रोकथाम हेतु एन०सी०बी० के सहयोग से प्रभावकारी कदम उठाये गये हैं. इस वर्ष लगभग 5,500 एकड़ भूमि से अफीम की खेती नष्ट की गयी है. लेवी के स्रोत यथा – खनन, केन्दू पत्ता, विकास कार्यों पर पैनी नजर रखी जा रही है. संदिग्ध गतिविधि वाले संवेदकों पर भी नजर रखी जा रही है.
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मुख्यमंत्री ने कहा कि उग्रवादी घटनाओं से संबंधित काण्डों के अनुसंधान एवं अभियोजन को बेहतर बनाने के लिए सभी जिलों में Special Monitoring Cell का गठन किया गया है. राज्य में 2014 से UAPA के तहत दर्ज कुल 599 उग्रवाद कांडों में से 426 में अनुसंधान का कार्य पूर्ण कर आरोप पत्र दाखिल कर दिया गया है. 21 संवेदनशील कांडों का अनुसंधान NIA को सौंपा गया है.
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ने कहा कि फरार नक्सलियों की गिरफ्तारी के लिए 1 लाख रूपये से लेकर 1 करोड़ रूपये तक की पुरस्कार राशि की घोषणा की गयी है. वर्तमान में 91 फिरार नक्सलियों के विरूद्ध पुरस्कार घोषित है. उन्होंने यह भी कहा कि वर्ष 2022 में 90 एवं वर्ष 2023 में अगस्त तक कुल 97 नक्सली हिंसा की घटनाएँ प्रतिवेदित हुई हैं. नक्सलियों के विरूद्ध प्रभावकारी अभियान के कारण वर्ष 2021 से थाना/पिकेट/पोस्ट पर नक्सलियों द्वारा आक्रमण की कोई घटना प्रतिवेदित नहीं हुई है. जमशेदपुर, दुमका देवघर, जामताड़ा, गोड्डा, पाकुड़ एवं साहेबगंज में जनवरी 2022 से अभी तक नक्सल हिंसा की कोई घटना प्रतिवेदित नहीं हुई है. 2018 के बाद Special Area Committee या Eastern Regional Bureau की कोई भी बैठक झारखण्ड में नहीं हुई है.
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मुख्यमंत्री ने कहा कि पड़ोसी सीमावर्ती राज्यों, जैसे- बिहार, छत्तीसगढ़, बंगाल, उड़ीसा, तेलंगाना एवं उत्तर प्रदेश के साथ बेहतर समन्वय बनाकर ससमय आसूचनाओं का आदान-प्रदान किया जा रहा है. आसूचना आधारित अन्तर्राज्यीय उग्रवाद विरोधी अभियानों का संचालन भी लगातार किया जा रहा है. इसके लिए Joint Command Control Center, गया, बिहार का इस्तेमाल किया जाता है. जनवरी 2022 से अगस्त 2023 तक कुल 38 अन्तर्राज्जीय सीमा बैठकें आयोजित की गई है. Eastern Region Police Co-ordination की बैठक लगातार की जा रही है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि शीर्ष नक्सल नेतृत्व एवं उनके परिजनों / समर्थकों की गतिविधियों की निगरानी की जा रही है. जमीनी आसूचना संकलन हेतु बड़ी संख्या में Special Police Officers की तैनाती क्षेत्रों में की गई है. केन्द्र एवं राज्य के विभिन्न एजेन्सियों के बीच आपसी समन्वय स्थापित कर आसूचना संकलन की कार्यवाही की जा रही है. वहीं, झारखण्ड राज्य में 129 Fortified Police Station का निर्माण किया जा चुका है एवं 08 थानों के निर्माण की प्रक्रिया चल रही है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा भा०क०पा० (माओ०) के 05 संगठनों (क्रांतिकारी किसान कमिटी, नारी मुक्ति संघ, झारखण्ड ए-वन ग्रुप झारखण्ड सांस्कृतिक मंच, मजदुर संगठन समिति) को प्रतिबंधित किया गया है. साथ ही ऐसी संस्थायें जो गुप्त रूप से उग्रवादियों का समर्थन कर रहें हैं एवं उग्रवाद उन्मूलन अथवा विकास में बाधा बन रही है, ऐसी संस्थाओं पर निगरानी रखी जा रही है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि जनवरी 2020 से अभी तक अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र, यथा सरायकेला- चाईबासा-खूँटी – राँची के सीमावर्ती क्षेत्र, बुढ़ा पहाड़, कोल्हान एवं पारसनाथ क्षेत्र में 48 सुरक्षा कैम्पों की स्थापना की गई है. इससे उस क्षेत्र में नक्सली गतिविधियों पर ब्रेक लगी है. लोगों का सरकार के प्रति विश्वास बढ़ा है तथा विकास के कार्यों में तेजी आयी है.
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