Ranchi : बिहार में बीते दिनों जातीय गणना के आंकड़े जारी होने के बाद पुरे देश में बवाल मचा हुआ है. अब झारखंड में भी इसका असर देखने को मिल रहा है. झारखंड में भी एक बार फिर से जातीय जनगणना को लेकर सवाल उठने लगे हैँ. गुरुवार को प्रोजेक्ट भवन में पत्रकारों के सवाल पर लालू की तर्ज पर हेमंत सोरेन ने भी स्पष्ट कर दिया कि जिस समुदाय की जितनी आबादी है उस आधार पर उन्हें उनका हक मिलना चाहिए. उन्होंने कहा कि जातिगत जनगणना को लेकर 2021 से ही प्रयास हो रहा है. विधानसभा से पारित कर आरक्षण से संबंधित विधेयक राज्यपाल को भेजा जा चुका है. सरकार का स्पष्ट मानना है कि जो जिस समूह में जितनी संख्या में हैं, उतना अधिकार उनको मिले.
प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर कर चुके हैं मांग
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि सभी दलों की सहमति से आज से दो वर्ष पहले ही जाति आधारित जनगणना के लिए प्रधानमंत्री को पत्र लिख चुके हैं. वहीं, दिल्ली में झारखंड के सर्वदलीय शिष्टमंडल के सदस्यों ने सितंबर 2021 में ही जाति आधारित जनगणना कराने की मांग पत्र गृह मंत्री को सौंपा था.
वर्ष 1931 में की गई जातिगत जनगणना
करीब 90 वर्ष पूर्व जातिगत जनगणना वर्ष 1931 में की गई थी. उसके आधार पर ही मंडल कमिशन के द्वारा पिछड़े वर्गों को आरक्षण उपलब्ध कराने की अनुशंसा की गई थी. जनगणना को लेकर मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार को भेजे गए पत्र में कहा था कि संविधान में सामाजिक एवं शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्गों के विकास के लिए विशेष सुविधा एवं आरक्षण की व्यवस्था की है. उन्होंने पत्र में यह भी कहा था कि आजादी के बाद से आज तक की कराई गई जनगणना में जातिगत आंकड़े नहीं रहने से विशेषकर पिछड़े वर्ग के लोगों को विशेष सुविधाएं पहुंचाने में कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है. सीएम ने यह भी कहा था कि वर्ष 2021 में प्रस्तावित जनगणना में युगों-युगों से उत्पीड़ित, उपहासित, उपेक्षित और वंचित पिछड़े एवं अति पिछड़े वर्गों की जातीय जनगणना नहीं कराने की सरकार द्वारा संसद में लिखित सूचना दी गयी जो कि दुर्भाग्यपूर्ण है.
जातीय गणना के सीएम ने बताए थे कई फायदे
जाति आधारित जनगणना कराये जाने से देश के नीति-निर्धारण में कई तरह के फायदों को सीएम हेमंत सोरेन ने अपने पत्र में बताया था. उन्होंने कहा था कि पिछड़े वर्ग के लोगों को आरक्षण की सुविधा उपलब्ध कराने में जनगणना के आंकड़ सहायक सिद्ध होगें. पिछड़े वर्ग के लोगों के उत्थान के निमित्त बेहतर नीति-निर्धारण एवं क्रियान्वयन में ये आकड़े मददगार साबित होंगे. इसके अलावा सीएम ने प्रधानमंत्री को भेजे गए अपने पत्र में कई फायदे बताए थे.