रांची: सीएम हेमंत सोरेन ने बुधवार को खोजाटोली नामकुम में झारखंड मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना के समापन समारोह का दीप जलाकर उद्घाटन किया. उन्होंने जोहार से कार्यक्रम में आई बहनों का संबोधन किया. उन्होंने कहा कि दक्षिणी छोटानागपुर के इस कार्यक्रम में क्षेत्र की महिलाएं आई है. ऊपर वाला भी हमारे साथ है कि आज बारिश नहीं हो रही है. एक बार लगा कि बारिश के कारण हम ये कार्यक्रम ही नहीं कर पाएंगे. लेकिन जब इंसान कुछ ठान लेता है और ईमानदारी से उस काम में लगता है तो उसका परिणाम भी उसे अच्छा मिलता है. हमारी सरकार ठीक से बनी भी नहीं थी कि कोरोना के मकड़जाल ने पूरी दुनिया को चपेट में ले लिया. हाट, बाजार, मजदूरी, नौकरी, गाड़ी, मोटर सबकुछ बंद. कुछ भी नहीं मिलता था. उन्होंने कहा कि झारखंड देश का सबसे पिछड़ा राज्य है. कहने को तो झारखंड सोने की चिड़िया है. दुर्भाग्य की बात है कि सोने की चिड़िया कहे जाने वाले इस राज्य में तन ढंकने के लिए कपड़े भी नहीं होते थे. हमारे राज्य में मजदूर किस्म के लोग ज्यादा है. एक दिन मजदूरी न करे तो उनके घरों में चूल्हा नहीं जलता. पूरा परिवार भूखा रहता है. हमारी सरकार इस समस्या को समझती है.
जब यहां डबल इंजन की सरकार थी तो राशन कार्ड हाथों में लिए लोग भात-भात करते मर गए. गुमला-सिमडेगा इसका गवाह है. न जाने कितने लोग मरे. उसी समय हमलोगों ने कमर कसी और डबल इंजन की सरकार को उखाड़ फेंकने का निर्णय लिया. जनता का आशीर्वाद मिला तो डबल इंजन की सरकार को हटाकर हमारी सरकार बनी. तबतक कोरोना आ गया. न हमारे अस्पताल की स्थिति ठीक थी और न ही डॉक्टर थे. स्थिति बहुत ही खराब थी. हमारे मजदूर भाई दूसरे राज्यों में फंसे हुए थे. ऐसी स्थिति में हमलोगों ने हवाई जहाज में लादकर उन्हे घर पहुंचाने का काम किया.
लोग बीडीओ-सीओ को नहीं जानते थे. एसपी और डीसी तो दूर की बात है. हमारी सरकार रांची से चलने वाली नहीं गांव से चलने वाली सरकार है. गांव-गांव, पंचायत पहुंचकर लोगों की समस्याएं सुनने का काम किया. कई बार आपकी समस्याएं सुनने के लिए अधिकारियों को भेजा गया. सबसे पहले हमने सर्वजन पेंशन योजना शुरू की. ये कानून बनाया कि सबको पेंशन मिले. पहले केवल गिने चुने लोगों को पेंशन मिलता था. दलालों के चक्कर में मर जाने के बाद भी पेंशन कार्ड नहीं मिला. इस राज्य में जितना भी बुजुर्ग 60 साल से अधिक हो उन्हें हमारी सरकार पेंशन देगी. हमारा पहला राज्य है जो सभी बुजुर्गों को पेंशन देते है. हमारे आदिवासी भाई-बहनों को लोन नहीं मिलता था. जमीन भी गिरवी नहीं रख पाते थे. हमने ऐसी व्यवस्था की है जिससे लोन मिलेगा.
जब से सरकार बना है. डबल इंजन की सरकार ने एक-एक रूपया निकाल लिया. सरकार का खजाना खाली कर दिया. राज्य को कर्जा में डुबा दिया. फिर पता चला कि हमारा कोयला का भारत सरकार के पास 1 लाख 36 हजार करोड़ बकाया लिए बैठा है. दिल्ली पहुंचकर हमने अपना बकाया मांगा. जब ये मांग की गई तो उन्होंने सीबीआई और ईडी को पीछे लगा दिया. जेल में डालने के उपाय ढूंढने लगे. सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान राशि अब 18 साल की युवतियों को भी मिलेगी. बता दें कि पहले ये राशि 21 से 50 साल तक की महिलाओं के लिए निर्धारित की गयी थी. लेकिन अब इस योजना के तहत 18 से 20 साल की युवतियों को भी ये राशि मिलेगी. जिससे कि एक बड़े तबके को लाभ मिलेगा.
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