रांची: मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन से मंगलवार 25 जून को भारतीय सेना के जनरल ऑफिसर,कमांडिंग-इन-चीफ,  ईस्टर्न कमांड और लेफ्टिनेंट जनरल रामचंद्र तिवारी ने शिष्टाचार भेंट की. मुख्यमंत्री ने जाट रेजीमेंट, बिहार रेजीमेंट, पंजाब रेजीमेंट, सिख रेजीमेंट और मद्रास रेजीमेंट आदि की तर्ज पर आदिवासी रेजीमेंट बनाने से संबंधित अपनी भावना से अवगत कराया.

उन्होंने कहा कि आदिवासी रेजीमेंट के गठन से देश भर के आदिवासियों को सेना में अलग पहचान भी मिलेगी.  उन्होंने कहा कि झारखंड में भी इकोलॉजिकल टेरिटोरियल आर्मी बनाने में  राज्य सरकार सहयोग करेगी. लेफ्टिनेंट जनरल रामचंद्र तिवारी ने झारखंड में भी पर्यावरण संरक्षण के दृष्टिकोण से इकोलॉजिकल टेरिटोरियल आर्मी के गठन का प्रस्ताव रखा. इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मामले में सेना द्वारा प्रस्ताव मिलने पर सरकार पूरा सहयोग करेगी. 

ज्ञातव्य है कि सेना के इकोलॉजिकल टेरिटोरियल आर्मी में भूतपूर्व सैनिक होते हैं, जो पर्यावरण के लिए कार्य करते हैं. झारखंड में इकोलॉजिकल टेरिटोरियल आर्मी के गठन से पर्यावरण संरक्षण की मुहिम में सेना भी बड़े स्तर पर अपना योगदान कर सकेगी. खासकर इस राज्य के भौगोलिक परिवेश को देखते हुए जंगलों और खनन क्षेत्र में वृक्षारोपण और अन्य माध्यमो से पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा.

आदिवासियों को ज्यादा अवसर मिले

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय सेना में झारखंड के आदिवासी युवा अपनी सेवा देते आ रहे हैं. फौज बहाली में यहां के आदिवासियों को और ज्यादा से ज्यादा अवसर प्राप्त हो, इसमें सेना आदिवासियों को आगे लाने की दिशा में पहल करें. लेफ्टिनेंट जनरल ने मुख्यमंत्री को भरोसा दिलाया कि इस दिशा में सेना की स्थानीय जीओसी के माध्यम से आदिवासियों को सेना बहाली के योग्य  तैयार करने के लिए प्रशिक्षण समेत अन्य सभी सहयोग किया जाएगा.

लेफ्टिनेंट जनरल रामचंद्र तिवारी ने डूरंड कप फुटबॉल प्रतियोगिता के आयोजन में राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे सहयोग के लिए मुख्यमंत्री का आभार जताया. उन्होंने बताया कि डुरंड कप (प्रेसिडेंट कप) एशिया की सबसे पुरानी और विश्व की दूसरी सबसे पुरानी फुटबॉल प्रतियोगिता है. इस बार जमशेदपुर की मेजबानी में इस प्रतियोगिता का आयोजन होना है, जिसमें राज्य सरकार हर स्तर पर सहयोग कर रही है.

ये रहे मौजूद

अपर मुख्य सचिव अविनाश कुमार, लेफ्टिनेंट जनरल राजेंद्र पुरी, मुख्यमंत्री के सचिव अरवा राजकमल, मेजर जनरल परमवीर सिंह डागर, कर्नल वीएस आडकर औऱ  मेजर जनरल एमपी सिंह मौजूद थे.

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