Joharlive Team
रांची। राजधानी में पिछले 15 दिनों से बालू की आपूर्ति बंद होने के कारण उत्पन्न समस्याओं के निराकरण हेतु आज बिल्डर्स एसोसिएशन आॅफ इण्डिया ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र सौंपा। बिल्डर एसोसिएशन आॅफ इण्डिया, झारखण्ड सेंटर के सर्वे के दौरान यह पता चला कि लगभग 5000 हाईवा, डम्पर, टरवो और ट्रैक्टर बिना काम के खड़े हैं। जिससे बालू आपूर्ति में लगे करीब एक लाख लोग बेरोजगार हो गये हैं। इस कार्य में प्रत्यक्ष रूप से लगे मजदूर, ड्राइवर, खलासी एवं आपूर्तिकर्तार्ओं को जीवनयापन में भी परेशानी हो रही है। बिल्डर एसोसियेषन, झारखण्ड सेंटर के चेयरमेन रोहित अग्रवाल ने कहा कि बालू की आपूर्ति बंद होने से सभी भवन निर्माण कार्य बाधित हैं। राज्य की प्रषासनिक व्यवस्था से तंग आकर ट्रक मालिक भी हडताल पर चले गये हैं जिससे विकास का कार्य अवरूद्ध हो गया है। यह भी कहा कि बालू की अनुपलब्धता के कारण सभी सरकारी भवनों जैसे भवन निर्माण विभाग, रांची नगर निगम, पुलिस कॉरपोरेषन, स्मॉर्ट सिटी का कार्य बंद हो गया है। सभी निजी अपार्टमेंट का काम भी बंद होने के कारण लगभग एक लाख मजदूरों के समक्ष बेरोजगारी की समस्या उत्पन्न हो गई है जिससे वे राज्य से पलायन को विवष हैं।
बिल्डर एसोसिएशन आॅफ इण्डिया ने यह भी कहा कि बालू घाटों की नीलामी से झारखण्ड सरकार को कुछ ज्यादा धनराषि नहीं मिलती है क्योंकि इसमें असामाजिक तत्वों का बोलबाला होता है। ऐसे में सरकार को बालू पर से अपना नियंत्रण समाप्त कर ग्राम पंचायतों के द्वारा संचालित करना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि झारखण्ड में पहाडी नदियां हैं जिसमें साल भर बालू रहता है। बिल्डर एसोसिएशन आॅफ इण्डिया ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि प्रसंगाधीन मामले में हस्तक्षेप करते हुए बालू की उपलब्धता सुनिश्चित कराने में सहयोग करें ताकि प्रदेश में बाधित विकास कार्यों के आरंभ होने के साथ ही मजदूर और निर्माण कार्य से जुडेÞ आपूर्तिकर्ताओं का जीवनयापन सुचारू ढंग से चल सके।